साहित्यकार ‘कुलिश’ का निधन साहित्य की अपूरणीय क्षति- डॉ.केके मंडल

कौशिकी क्षेत्र हिंदी साहित्य सम्मेलन के अंबिका सभागार में साहित्यकार दशरथ प्रसाद सिंह कुलिश के निधन पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता पूर्व प्रति कुलपति डॉ.कौशल किशोर मंडल ने की। उन्होंने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि वे एक क्रांतिकारी शिक्षक थे और उनके निधन से हिंदी साहित्य को अपूरणीय क्षति हुई है। शोक व्यक्त करते हुए सम्मेलन के सचिव डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने कहा कि कुशल व लोकप्रिय शिक्षक सह साहित्यकार दशरथ प्रसाद सिंह कुलिश की जन्मभूमि भले ही सुखासन रही थी, परंतु उनकी कर्मभूमि मधेपुरा रही है। वे मधेपुरा में विभिन्न शिक्षण संस्थानों से जुड़े रहे और एक कुशल शिक्षक के रूप में अपनी पहचान बनाई थी। आरंभ से अंत तक उनका जीवन संघर्षपूर्ण रहा। सचिव डॉ.मधेपुरी ने यह भी बताया कि दशरथ बाबू के निधन पर चलभाष से संवाद स्थापित करते हुए पूर्व एमएलसी विजय कुमार वर्मा एवं पूर्व विधायक परमेश्वरी प्रसाद निराला ने कहा कि दशरथ बाबू 1974 के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। मौके पर पूर्व कुलसचिव प्रो.सचिंद्र, प्रो.(डॉ.)अरुण कुमार, पूर्व कुलसचिव डॉ.विश्वनाथ विवेका, डॉ.आलोक कुमार, साहित्यकार मणिभूषण वर्मा, छात्र नेता हर्षवर्धन सिंह राठौर, सियाराम यादव मयंक, उपसचिव श्यामल कुमार सुमित्र आदि ने भी श्रद्धांजलि दी।

 

 

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