मधेपुरा के डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम पार्क में गांधीयन मिसाइल मैन भारतरत्न डॉ.कलाम की 92वीं जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई। जयंती समारोह का उद्घाटन साहित्यानुरागी अपर जिला समाहर्ता एवं दर्जनों पुस्तकों के लेखक रवींद्र नाथ प्रसाद सिंह, समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी, मुख्य अतिथि प्रो.(डॉ.)अरुण कुमार, संतोष झा, डॉ.मानव भारती, शालिनी कुमारी, किशोर कुमार, फनी बाबू आदि ने सम्मिलित रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
इस अवसर पर प्रतिभा संपन्न एवं मधेपुरा को गौरवान्वित करने वाले डॉ.मानव भारती एवं शालिनी कुमारी को सम्मानित किया गया। जिन्होंने अपनी प्रतिभा की बदौलत मधेपुरा को गौरवान्वित किया है। जहां डॉ.मानव शिक्षा जगत में शिक्षारत्न से अलंकृत हुए वहीं शालिनी कुमारी ने ‘नीट’ में मधेपुरा का टॉपर बनकर जिले को गौरवान्वित किया है। इन दोनों विभूतियों को सम्मानित करने के बाद उद्घाटनकर्ता एडीएम रवींद्र नाथ ने डॉ.मधेपुरी को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह कार्यक्रम- “जो करेंगे मधेपुरा को गौरवान्वित, डॉ. मधेपुरी करेंगे उन्हें सम्मानित सदैव जारी रहे। साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चों को व्यक्तित्व निर्माण करने के लिए भारतरत्न डॉ.कलाम को जानना होगा।
मुख्य अतिथि बीएनएमयू के स्नातकोत्तर जंतु विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो.(डॉ.)अरुण कुमार ने कहा कि डॉ.कलाम सदैव शिक्षक से अधिक विद्यार्थी ही बने रहे। एक अच्छा शिक्षक वही बन सकता है जो अच्छा विद्यार्थी होता है। उन्होंने डॉ.मधेपुरी के इस कार्यक्रम की ह्रदय से सराहना की। साथ ही डॉ.मधेपुरी को भारतरत्न कलाम का इनसाइक्लोपीडिया बताया। और यह भी कहा कि तभी तो लोग डॉ.मधेपुरी को मधेपुरा का कलाम कहते हैं।
अंत में डॉ.मधेपुरी ने विस्तार से बच्चों को डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम के बचपन से लेकर अंतिम सांस लेने तक की कहानी सुनाकर उनके द्वारा दिए गए संदेश को साझा करते हुए कहा- “ये आँखें दुनिया को दोबारा नहीं देख पायेगी, इसलिए तुम्हारे अंदर जो बेहतरीन है उसे दुनिया को दे कर जाना, बच्चों को दे कर जाना।”
डॉ.कलाम के जन्मदिन पर चंद्रमणि भारती, सरोज कुमार सिंह आदि के सौजन्य से उपलब्ध काजू व अन्य वृक्षों का पौधरोपण उद्घाटनकर्ता, मुख्य अतिथि, डॉ.मधेपुरी एवं उपस्थित अतिथियों ने किया। मौके पर फनी बाबू,चिरामणि यादव, प्राचार्य किशोर कुमार, श्यामल कुमार सुमित्र, प्रो.भूषण कुमार, डॉ.यशवंत कुमार, अमरेश कुमार अमर, राजनंदन कुमार, अजय प्रसाद, उदय झा, डॉ.शंकर रजक, अरविंद कुमार, लक्ष्मीकांत शर्मा आदि मौजूद थे।
अंत में एसबीआई बैंक अधिकारी संतोष झा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।