शरद, लालू, नीतीश, सुशील व शिवानंद आदि सभी जेपी आंदोलन की उपज हैं, परंतु कालक्रम में एक दिल के टुकड़े हजार हुए, कुछ यहां गिरे कुछ वहां गिरे। सबों ने अपने अनुकूल पार्टियाँ बना ली।
शरद ने तो लालू और नीतीश को सीएम बनाने में भरपूर जहमत उठाई, परंतु शरद को कालक्रम में निराशा ही हाथ लगी। लालू प्रसाद राष्ट्रीय जनता दल के निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते रहे। चंद रोज कबल लालू प्रसाद 12वीं बार निर्विरोध रूप से राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिए गए। उनके अकेले नामांकन की स्थिति में पार्टी द्वारा लालू प्रसाद को 2025 तक के कार्यकाल के लिए निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित होने की घोषणा की गई।
नीतीश कुमार ने चंद महीने कबल 8वीं बार बिहार के सीएम पद की शपथ ली। ऐसा लगता है कि वे ज्योति बसु की तरह जब तक चाहेंगे सीएम बने रहेंगे और जब चाहेंगे किसी और को गद्दी पर बिठाएंगे।