Dr.Bhupendra Narayan Yadav Madhepuri

अग्निपथ के विरुद्ध अग्निवीरों का अग्नि प्रदर्शन अशोभनीय

अग्निवीरों का सवाल है कि चार साल बाद अग्निवीर क्या करेंगे ? अपने ही देश की संपत्ति वे स्वंय जलाएंगे ? आग बुझाने वाले आग लगाने वाले बनेंगे ? ये बातें डॉ.मधेपुरी ने कही।

हां ! देश की सुरक्षा में लगे जवानों के मनोबल को कायम रखना भी देश चलाने वाले रहनुमाओं की जिम्मेदारी बनती है। वर्तमान में सेना में सिपाहियों की 15 वर्ष की नौकरी रहती है। 15 वर्षों तक उनकी शारीरिक शक्ति भी बनी रहती है। सरकार ने सेवा-अवधि में एक-दो साल कम करने के बजाए कुल 4 वर्षों की सेवा कर दी है। क्या सरकार देश की सेवा के लिए एमएलए, एमपी की कुल कार्यावधि 4 साल की तय करेगी। फिर उन्हें परफॉर्मेंस के आधार पर आगे मौका दिया जाएगा। ऐसा नियम बना सकती है सरकार ?

कहा जाता है कि सैनिक एवं अग्नि वीरों के लिए रत्ती भर गुंडागर्दी करने की गुंजाइश नहीं होगी… तो क्या राजनीतिज्ञों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं के लिए गुंडागर्दी करने की पूरी छूट होगी ?

देश में शांति व्यवस्था तभी कायम रहेगी जब राजनीति करने वाले विधायक-सांसद सदन में गुंडागर्दी करते रहें, जूता-चप्पल एक-दूसरे पर फेंकते रहें, यहां तक कि अध्यक्ष की कुर्सी-टेबल पर भी माइक तोड़कर फेकते रहें और महिला प्रतिनिधियों की साडी खींचते रहें और सदन के काम ठप्प रहने पर प्रति मिनट करोड़ों का नुकसान होता रहे। देश के सभी सदनों के जनप्रतिनिधियों की सीट के चारों तरफ 7 फीट ऊंचे लोहे के जंगले लगाने एवं उसमें लगे ताले का रिमोट अध्यक्ष के पास रखने वाले स्कीम के लिए समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी के प्रस्ताव की बार-बार अनदेखी क्यों की जाती रही है ?

देश में शांति व्यवस्था तभी कायम रहेगी जब राजनीति करने वाले एमएलए-एमपी सभी महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, सरदार वल्लभभाई पटेल, गुलजारी लाल नंदा, जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, भूपेंद्र नारायण मंडल, कर्पूरी ठाकुर, डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम जैसों की जिंदगी जीना स्वीकार करेंगे। नियम सबके लिए एक जैसा हो । नियमित शिक्षक और नियोजित शिक्षक एक जैसे काम करते हैं, परंतु भुगतान अलग-अलग ऐसा क्यों ? देश में समान काम के लिए समान पैसे दिए जाने चाहिए, डिस्पेरिटी को समाप्त किया जाए।

डॉ.मधेपुरी ने कहा चार साल की सेवा के बाद भी पेंशन का टेंशन देने वाले रहनुमाओं को जवाब देना होगा कि चार दिन की सेवा करने वाले एमएलए-एमपी को क्यों दे रहे हो चार-चार पेंशन। उन्होंने कहा कि अग्निवीर तो यह बोल ही सकते हैं कि मंत्रियों, सांसदों को केवल चार साल के लिए ही रखे जाएं और उसके बाद बाहर के रास्ते दिखा दिए जाएं। बिना चार-चार पेंशन दिए ही उन्हें ‘सदन वीर’ का सर्टिफिकेट देकर ससम्मान विदा कर दिए जाएं। वे तो देश के सेवक हैं ना, 15-20 वर्षों तक देश की सेवा करने वाले जाँबाज सैनिक नहीं…… !!

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