Booker Prize winner Geetanjali Shree with translator Daisi Rokkwel

यूपी की गीतांजलि ने बुकर पुरस्कार को लेकर विश्व में बढ़ाया हिन्दी साहित्य का कद

भारत के उत्तर प्रदेश की मैनपुरी निवासी तथा दिल्ली में रहने वाली 64 वर्षीय लेखिका गीतांजलि श्री ने अपने हिन्दी उपन्यास “रेत समाधि” के लिए वर्ष 2022 का अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतकर इतिहास रच दिया है। इससे पहले यह पुरस्कार भारतीय लेखिका अरुंधति राय को उनके अंग्रेजी उपन्यास “गॉड ऑफ स्माल थिंग्स” के लिए दिया गया था। यह पहला मौका है जब गीतांजलि श्री की हिन्दी किताब को यह उपलब्धि मिली है।

बता दें कि भारत विभाजन काल में एक मां-बेटी की अत्यंत मार्मिक व जीवंत कहानी आधारित है गीतांजलि श्री का हिन्दी उपन्यास “रेत समाधि” जिसे “टाॅम्ब आॅफ सेंड” नाम से अंग्रेजी में अनुवाद किया गया है डेजी राकवेल द्वारा। जूरी के सदस्यों ने इसे शानदार और अकाट्य बताया।

जानिए कि बुकर पुरस्कार के लिए दिए गए 50 लाख की राशि को गीतांजलि श्री ने अपने हिन्दी उपन्यास का अंग्रेजी अनुवाद करने वाली डेजी राकवेल के साथ समान रूप से लंदन में ही साझा किया।

अंत में यह भी कि 5 उपन्यास को पछाड़कर गीतांजलि श्री ने यह सम्मान अपने नाम किया और यह भी कहा कि मैं अभिभूत हूं…. “टाॅम्ब आॅफ सेंड” एक शोकगीत है, उस दुनिया का जिसमें हम रहते हैं। यह एक ऐसी ऊर्जा है जो आशंकाऔं के बीच उम्मीद जगाती है। खुश हूं कि यह पुस्तक अब और ज्यादा लोगों तक पहुंचेगी।

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