Rastra Kavi Ram Dhari Singh Dinkar

राष्ट्रकवि दिनकर-जयन्ती एवं कवि-गोष्ठी आयोजित

भू.ना.मंडल वि.वि.के हिन्दी स्नातकोत्तर विभाग में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 83वीं जयन्ती विभागाध्यक्ष डॉ. विनय कुमार चौधरी की अध्यक्षता में सादगीपूर्वक मनाई गई | इस अवसर पर डॉ. चौधरी ने दिनकर की विभिन्न कृतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उत्तर छायावाद के अग्रणी राष्ट्रकवि दिनकर भारतीय संस्कृति की अभिव्यक्ति ही नहीं बल्कि ओज, उमंग एवं उत्साह के प्रखर कवि रहे हैं |

मंडल वि.वि. के कुलानुशासक व कवि डॉ.विश्वनाथ विवेका ने कहा कि राष्ट्रकवि दिनकर ने जहाँ एक ओर समाज में व्याप्त शोषण, आर्थिक विषमता एवं सामंतवादी प्रवृतियों की तीखी आलोचना की है, वहीँ दूसरी ओर राष्ट्रगौरव गीत गाते हुए विदेशी दासता से मुक्ति दिलाने का आकुल आह्वान भी किया है | उन्होंने यह भी कहा कि दिनकर दलित क्रांति के सधे हुए कवि हैं |

इस अवसर पर डॉ. वीणा कुमारी एवं डॉ. ओम प्रकाश ने दिनकर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व की चर्चा की और उर्वशी को उनकी कालजयी रचना कहा |

मंच संचालन करते हुए डॉ.सिद्धेश्वर काश्यप ने दिनकर को त्याग और वलिदान का प्रेरक कवि कहा |

दूसरे सत्र में कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें डॉ.विश्वनाथ विवेका, डॉ. सिद्धेश्वर काश्यप, सियाराम यादव मयंक, डॉ अलोक कुमार आदि ने कविताओं का पाठ किया | सुधि श्रोताओं के रूप में कृषण मुरारी, राजेश कुमार, विभीषण कुमार, पंकज कुमार, अन्नु कुमारी, शिल्की शिखा, बुलबुल, प्रियंका प्रीति, सुनील, संजू, राजकिशोर, विकाश आदि की उपस्थिति अंत तक रही | धन्यवाद् ज्ञापन डॉ.चौधरी ने किया |

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