मधेपुरा के शिक्षाविद व समाजसेवी-साहित्यकार प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने जेएनकेटी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एनाटॉमी विभाग में एक भी डेड बॉडी के नहीं होने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए इसे हास्यास्पद और विश्वास से परे बताया। डाॅ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने खेद प्रकट करते हुए यह भी कहा कि नीतीश सरकार ने लगभग 1000 करोड रुपए खर्च कर मधेपुरा के में जन नायक कर्पूरी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल स्थापित किया है, जिसमें डॉक्टरी पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को बिना डेड बॉडी के एनाटॉमी पढ़ाकर कुशल चिकित्सक बनाना वैसा ही है जैसे बिना नदी या स्विमिंग पूल के पानी में उतरे किसी को तैराकी सिखाना और कुशल तैराक बनाना। अब तक यहां का एनाटॉमी विभाग बिना डेड बॉडी के ही संचालित हो रहा है जबकि दर्जनों लावारिस लाश पोस्टमार्टम के बाद या तो फेंक दिए जाते हैं या जैसे-तैसे दफन कर दिए जाते हैं।
डॉ मधेपुरी ने जिला पदाधिकारी महोदय से या फिर विशेष रूप से पुलिस प्रशासन के मुखिया एसपी साहब से अनुरोध किया है कि कम से कम एक लावारिस लाश भी तो जननायक कर्पूरी मेडिकल कॉलेज को उपलब्ध कराने की कृपा करें ताकि छात्र एनाटॉमी की पढ़ाई कर कुशल चिकित्सक बन सके और देश की सेवा कुशलतापूर्वक कर सके। इस तरह की जानकारी मिलने पर एमसीआई भी नाराजगी व्यक्त करेंगी और नैक से मान्यता पाना भी कठिन होगा।
फॉरेंसिक जैसे अन्य कई मुख्य विभागों में एक भी प्राध्यापक चिकित्सक नहीं हैं। जो हैं भी वे नियमित रूप से उपस्थित नहीं रहते। पीएमसीएच के फॉरेंसिक विभाग में पटना जिले भर का पोस्टमार्टम होता है, परंतु जेएनकेटी में पोस्टमार्टम कब शुरू होगा किसी को पता नहीं। करोड़ों की जांच मशीन मौजूद, परंतु ऑपरेटर ऑपरेट करने वाला नदारद। विद्युत आपूर्ति नियमित, परंतु इंटीरियर, बिजली, पानी की व्यवस्था कमजोर।
स्वास्थ्य विभाग का ध्यान आकृष्ट करने हेतु डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखा पत्र।