Shahid Sadanand punya tithi.

हंसते-हंसते शहीद हो गया मधेपुरा का बेटा सदानंद- डॉ.मधेपुरी

शहीद सदानंद के शहादत-स्थल पर समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी की अध्यक्षता में शहीद सदानंद अमर रहे के उद्घोष से वातावरण गूंज उठा। डॉ.मधेपुरी ने जिला मुख्यालय के एसडीएम ऑफिस के सामने आयोजित 49वें शहादत दिवस पर याद दिलाते हुए कहा कि 1974 के 18 मार्च को पटना में छात्रों ने महंगाई और भ्रष्टाचार के विरुद्ध आंदोलन किया था। तत्कालीन गवर्नर बीआर भंडारे को विधानमंडल जाने से रोकने के क्रम में पुलिस की गोली के शिकार हो गए कुछ आंदोलनकारी छात्र। प्रतिक्रिया स्वरूप 19 मार्च को मधेपुरा में हुए छात्र आंदोलन में हंसते-हंसते शहीद हो गया मधेपुरा का बेटा सदानंद।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में जेपी सेनानी इन्द्र नारायण यादव उर्फ प्रधान जी सहित शहीद सदानंद को याद करने वालों एवं श्रद्धांजलि देने वालों में बीएन मंडल विश्वविद्यालय के पीजी जूलॉजी के डॉ.अरुण कुमार, टीपी कॉलेजिएट के प्राचार्य डॉ.सुरेश कुमार भूषण,  प्रो.दयानंद, जेपी आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले जय किशोर यादव, विजेंद्र प्रसाद यादव, कैलाश अग्रवाल, सीताराम पंडित, अधिवक्ता व भूपेन्द्र प्रसाद यादव सहित शशि शेखर सुमन उर्फ़ महंत जी, सृजन दर्पण के सचिव रंगकर्मी विकास कुमार, सुनील कुमार यादव, मोहम्मद समीम, मोहम्मद नईम, मोहम्मद कादिर, विभूति यादव, कैलाश यादव, जवाहर पंडित, गणेश कुमार यादव, अशोक गुप्ता, लल्लन यादव आदि मौजूद थे। यह पहला मौका था कि जेपी सेनानी पूर्व एमएलसी विजय वर्मा व जेपी सेनानी पूर्व विधायक परमेश्वरी प्रसाद निराला मौजूद नहीं हो सके।

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