छोटी उम्र से ही बड़ी जिम्मेदारियाँ निभाने वाली स्वर कोकिला भारतरत्न लता दीदी को चंद शब्दों में कहना संभव नहीं। उनकी आवाज ही उन्हें अमरत्व प्रदान करती रहेगी एवं उनकी आवाज सदैव उनकी पहचान बनी रहेगी। आठ दशकों तक बनी रही सुरों की रानी।
ये बातें समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने उनकी तस्वीर पर पुष्पांजलि करने के बाद कही। लता जी को राजकीय, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मानों के अतिरिक्त पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारतरत्न सहित दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। सात बार फिल्म फेयर अवार्ड से नवाजा गया है। 36 भाषाओं में 50 हजार गीत गाकर अमर हो गईं लता जी।and