23 जनवरी (रविवार) को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मधेपुरा के सुभाष चौक पर समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, एसनपीएम विधि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.सत्यजीत यादव, पूर्व जदयू जिला अध्यक्ष प्रो.विजेंद्र नारायण यादव, कलम जीवी प्रकोष्ठ जदयू के पूर्व अध्यक्ष सह वार्ड आयुक्त अशोक कुमार सिन्हा, एडवोकेट सुधांशु रंजन, राजद के वरिष्ठ नेता विजेंद्र प्रसाद यादव, जदयू नेता योगेंद्र प्रसाद गुप्ता, जीवन बीमा के किशोर श्रीवास्तव, प्रदीप कुमार आदि अन्य गणमान्यों ने सम्मिलित रूप से मनाई।
इस अवसर पर सर्वप्रथम डॉ.मधेपुरी द्वारा नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। फिर उपस्थित गणमान्यों द्वारा माल्यार्पण व पुष्पांजलि की गई। आवागमन बाधित ना हो इस बात को ध्यान में रखते हुए संक्षेप में ही डॉ.मधेपुरी ने 1929 ई. में मुंगेर में आयोजित प्रांतीय कांग्रेस के सम्मेलन में नेताजी सुभाष चंद्र बोस एवं मधेपुरा के शिवनंदन प्रसाद मंडल की चर्चा की। स्थानीय स्वतंत्रता सेनानी कमलेश्वरी प्रसाद मंडल के स्वराज होटल की भी विस्तार से चर्चा की, जहां क्रांतिकारियों को मुफ्त भोजन कराया जाता था। डॉ.श्यामापद घोष द्वारा देशबंधु चितरंजन दास लाइब्रेरी के लिए दान दी गई भूखंड की भी चर्चा की। उन्होंने यह भी कहा कि नेता जी के धार्मिक गुरु थे स्वामी विवेकानंद और राजनीतिक गुरु देशबंधु चितरंजन दास। डॉ.मधेपुरी ने यह भी कहा कि “नेताजी” कहकर सर्वप्रथम जर्मनी के हिटलर ने उन्हें संबोधित किया था। साथ ही जॉर्ज पंचम की मूर्ति की जगह दिल्ली में नेताजी की प्रतिमा लगाए जाने के लिए केंद्र सरकार की सराहना की। धन्यवाद ज्ञापन वार्ड आयुक्त अशोक कुमार सिन्हा ने किया।