कोरोना संक्रमण की बढ़ रही रफ्तार यानि तीसरी लहर की दस्तक देश और दुनिया में सुनाई देने लगी है। कोरोना डेल्टा वेरिएंट की तुलना में आॅमिक्रोन को बेअसर मानते हैं लोग।
फिर भी सरकारी कार्यालयों समेत सभी जगहों पर जांच कर दी गई है तेज। लोगों से सतर्क रहने हेतु की जा रही है अपील। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना का इतना फैलाव दुखद है।
पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायमूर्ति संजीव प्रकाश वर्मा की खंडपीठ ने सूबे में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को प्रकाशित खबरों के मद्देनजर मेडिकल संस्थानों के इंफ्रास्ट्रक्चर व अन्य इंतजामों पर सरकार से रिपोर्ट तलब किया है। मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की जानकारी हाई कोर्ट को 5 जनवरी तक देने को कहा गया है।
प्रकाशित खबरें हैं- पटना में 18 डाक्टरों समेत 160 संक्रमित, भागलपुर में दो मेडिकल छात्राएं समेत 18 संक्रमित तथा पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, उनकी पत्नी बेटी बहू सहित उनका पूरा कुनबा एवं पीए सहित 18 लोग कोरोना पाॅजिटिव …। मधेपुरा में भी 18 कोरोना पाॅजिटिव हो चुके हैं।
चलते-चलते यह भी कि राज्य के सभी डाक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टी 28 फरवरी तक के लिए रद्द कर दी गई है। जो भी डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मी पहले से छुट्टी पर हैं, उन्हें तत्काल अपने-अपने संस्थान में योगदान करने का आदेश दिया गया है।