बिहार सरकार के कला, संस्कृति व युवा विभाग एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में स्थानीय भूपेन्द्र स्मृति कला भवन में आयोजित दो दिवसीय युवा उत्सव का समापन बुधवार की देर शाम हो गया।
बता दें कि प्रथम दिन 5 विधाओं में एवं दूसरे दिन 12 विधाओं यानी कुल 17 विधाओं में जिले के कलाकारों ने जलवा बिखेरा। सभी विधाओं में प्रतियोगियों की दमदार उपस्थिति रही। पेंटिंग व हस्तशिल्प आदि प्रतियोगिता में प्रतियोगियों द्वारा प्रदर्शनी भी लगाई गई।
समापन के समय समारोह के अध्यक्ष डीएम श्याम बिहारी मीणा ने प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि युवा उत्सव का यह मंच अधिकारियों के लिए नहीं बल्कि यह मंच केवल और केवल कलाकारों के लिए है जो कलाकारों के लिए मां के समान है। उन्होंने यह भी कहा कि स्वर कभी मरता नहीं और संगीत व कला है जो हमें ऊर्जावान बनाती है… हमारी थकान मिटाती है।
इस आयोजन के समन्वयक डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने अंत में अधिकारियों, निर्णायकों एवं प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए यही कहा कि विदेशों में बिस्मिल्लाह खाँ की शहनाई की गूंज सुनकर दर्शकों द्वारा जमकर तालियां बजाई जाती थी। भारत आने पर जब मीडिया द्वारा उन्हें यह पूछा गया कि तालियों की गड़गड़ाहट के बाबत आप क्या कहना चाहेंगे…. ? तो बिस्मिल्ला ख़ां ने यही कहा वहां पर बिस्मिल्लाह खाँ नहीं, वहां तो भारत शहनाई बजा रहा होता है…। आगे आप सभी प्रतिभागी अपने जिला और जिलाधिकारी को गौरवान्वित करने का यत्न करते रहेंगे।