Dr.Madhepuri and Dr.Ravi attending meeting on the occasion of 85th birh anniversary of Shrikant Verma at Ambika Sabhagar, Kaushiki Sahitya Sammelan Madhepura .

याद किये गये साहित्यकार श्रीकान्त वर्मा

बिहार प्रदेश श्रीकान्त वर्मा साहित्य समिति के संस्थापक संतोष सिन्हा द्वारा श्री वर्मा की 85वीं जयन्ती कौशिकी भवन मधेपुरा के अम्बिका सभागार में धूमधाम से मनाई गई | साथ में मधेपुरा के जनसेवी नवल किशोर को भी याद किया गया और साहित्यकारों द्वारा इनकी तस्वीरों पर पुष्पांजलि अर्पित की गई |

इस अवसर पर कौशिकी क्षेत्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन के संरक्षक व पूर्व सांसद डॉ.रमेन्द्र कुमार यादव रवि, कार्यकारी अद्यक्ष व पूर्व प्राचार्य प्रो.श्यामल किशोर यादव एवं सम्मलेन के सचिव डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी सरीखे साहित्यकार त्रय को सम्मानित किया गया |

सर्वप्रथम सचिव डॉ.मधेपुरी ने मंच संचालन करते हुए समारोह को सम्बोधित किया और कहा कि मध्यप्रदेश में जन्मे श्रीकान्त वर्मा जैसे साहित्यकार, कथाकार, कवि व पत्रकार को बिहार के मधेपुरा में साहित्यकारों द्वारा याद किया जाना सम्पूर्ण भारत में एकता एवं समन्वय का संदेश प्रेषित करता है | ख्यातिप्राप्त चित्रकार मकबूल फ़िदा हुसैन के अभिन्न मित्र रहे श्रीकान्त वर्मा चिड़िया की तरह कभी मंदिर के त्रिशूल पर तो कभी मस्जिद के गुंबद पर निर्भीक होकर फुदकते रहे और देश की बेहतरीन सेवा करते रहे तभी तो उनके निधनोपरांत उनकी धर्मपत्नी श्रीमती वीणा वर्मा को भी राज्यसभा सदस्य बनाया गया |

आगे मंडल वि.वि. के संस्थापक कुलपति एवं दर्जनों पुस्तकों के रचनाकार डॉ.रवि द्वारा श्रीकान्त वर्मा के साहित्यिक अवदानों की चर्चाएँ की गई तथा उनके साथ-साथ नब्बे के दशक में राज्यसभा सदस्या रहीं श्रीमती वीणा वर्मा (धर्मपत्नी श्रीकान्त वर्मा) के कई रोचक संस्मरणों को भी उद्धृत किया गया | उन्होंने प्रो.मणिभूषण वर्मा की रचना “धूएँ के देश में” का लोकार्पण किया और विस्तार से काव्य-संग्रह की मीमांसा प्रस्तुत की | अंत में प्राचार्य श्यामल किशोर द्वारा अपने अध्यक्षीय भाषण में श्रीकांत वर्मा की अदभुत पत्रकारिता , अद्वितीय सम्पादकीय क्षमता तथा काव्य-ग्रंथों एव कथा-संग्रहों सहित अन्य साहित्यिक उपलब्धियों का विस्तार से वर्णन किया गया |

Honourable Guests and Students attending function at Ambika Sabhagar .
Honourable Guests and Students attending function at Ambika Sabhagar .

दूसरे सत्र में श्रीकान्त वर्मा एवं नवल किशोर की स्मृति में एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमे रचनाकार राजू भैया, रघुनाथ प्र.यादव, उल्लास मुखर्जी, सियाराम यादव मयंक, संतोष सिन्हा, सियाशरण भारती, कृषणदेव यादव, आशीष कुमार, प्रो.मणिभूषण वर्मा, डॉ. मधेपुरी ने अपनी-अपनी एक-एक प्रतिनिधि कविता का पाठ किया | सुधि श्रोता के रूप में महामहिम राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित वैधराज शम्भु शरण भारतीय, सुकवि अभय कुमार एवं समाजसेवी प्रवीन कुमार उर्फ़ पारोजी आदि मुख्यरूप से उपस्थित रहे | धन्यवाद ज्ञापन तुलसी पब्लिक स्कूल के निदेशक श्यामल कुमार सुमित्र ने किया |

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