समस्त भारत के साथ-साथ मधेपुरा जिले के विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में विभिन्न छात्र संगठनों द्वारा डॉ.भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि 6 दिसंबर 1956 को परिनिर्वाण दिवस के तौर पर मनाई गई। बता दें कि डॉ.अंबेडकर ने अछूतों के प्रति सामाजिक भेदभाव के खिलाफ जोरदार संघर्ष किया था। उन्होंने निम्न जातियों के उत्थान के लिए भी काफी संघर्ष में जीवन जिया। उनके व्यक्तित्व में संपूर्ण शक्ति की प्रखरता के साथ-साथ प्रचंड संग्रामी स्वभाव का मेल देखा है संसार। उन्होंने देर रात तक जाग कर दलितों के लिए काम किया और उन्हें अभिशप्त जीवन से मुक्ति दिलाई।
मधेपुरा के समाहरणालय में डॉ.अंबेडकर की प्रतिमा पर सर्वप्रथम डीएम श्याम बिहारी मीणा, एसपी योगेंद्र कुमार, एसडीएम नीरज कुमार, समाजसेवी साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी एवं समाजसेवी शौकत अली आदि ने माल्यार्पण किया। डॉ.मधेपुरी ने कहा कि डॉ.अंबेडकर ने अपने डायरी में जो विचार लिखे हैं उसे कोलंबिया विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में डाला गया है। छात्र उन विचारों पर चिंतन, मंथन एवं शोधन कर आगे बढ़ाने में लगे हैं।