संवेदनशील नीतीश सरकार ने जनमानस के बीच जमीन संबंधी झगड़ों को मिटाने को लेकर यह निर्णय लिया है कि अब जमीन की बिक्री होने पर न सिर्फ रैयत का मालिकाना नाम में परिवर्तन होगा, बल्कि बिक्री के साथ ही जमीन का नक्शा भी डिजिटली बदल दिया जाएगा। इस तरह दस्तावेज के साथ नक्शे का भी दाखिल खारिज हो जाएगा। अब दाखिल-खारिज के पूर्व जमीन का खाका रेखाचित्र एवं राजस्व मानचित्र अनिवार्य रूप से दाखिल करना होगा।
जानिए कि अब सूबे बिहार के सभी अंचल कार्यालयों में सॉफ्टवेयर द्वारा सर्वे राजस्व नक्शा डिजिटल रूप में चालू रखा जाएगा। इस प्रकार बिक्री की गई भूखंड का नक्शा कोई भी व्यक्ति डिजिटल रूप से देख सकेगा।
बिहार विधान सभा द्वारा बिहार भूमि दाखिल-खारिज संशोधन विधेयक- 2021 को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। नए प्रावधान लागू होने के बाद बिहार अब दाखिल-खारिज के साथ नक्शा देने वाला देश का पहला राज्य हो जाएगा। इस विधेयक के राज्यपाल की स्वीकृति मिलने के साथ ही यह अधिनियम बन जाएगा और समस्त बिहार में लागू हो जाएगा। यह भी कि पुश्तैनी जमीन का बंटवारा कर जब जमाबंदी कायम होगा तो उसका भी नक्शा बन जाएगा।