48 घंटे बाद मानसून के आने की सूचना दी जा रही है। इस बीच नेपाल और आसपास के इलाके में किसी के पैर चाहे जिस भी कारण थरथराएं लगता यही है कि कहीं भूकम्प तो नहीं हो रहा है। सामने देखिये तो ऐसा लगता है कि कोसी ने मानसून की आहट पाकर अंगराई लेनी शुरू कर दी हो। कल से ही कोसी के इलाके के गांवों में अचानक पानी का दबाव बढ़ने लगा है। सरायगढ़ प्रखंड के कई गांवों में पानी ने अपना डेरा डाल दिया है। अचानक पानी के बढ़ने और मानसून के आने की सूचना से लोगों के चेहरे पर नेपाल के भूकम्प के बाद 2008 की कुसहा बाढ़ जैसी त्रासदी का अंदेशा स्वाभाविक रूप से दिखने लगा है।
