भारत में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग जल्द ही पोस्ट ग्रेजुएट चिकित्सा पाठ्यक्रम के नए स्वरूप को मंजूरी प्रदान करने जा रहा है। इस पाठ्यक्रम के अनुसार पीजी करने वाले सभी डॉक्टरों (एमएस/एमडी) को 3 महीने जिले के अस्पतालों में कार्य करना अनिवार्य होगा।
बता दें कि पीजी कोर्स के अंतर्गत 3 महीने का डिस्ट्रिक्ट रेजिडेंसी प्रोग्राम (डीआरपी) शुरू किया जा रहा है। इससे नए डॉक्टर जिला स्तरीय स्वास्थ्य संरचना को समझ सकेंगे। उन्हें राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन को लेकर समझ बढ़ेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी को दूर करना भी संभव होगा।
चलते-चलते यह भी कि प्रतिवर्ष भारत में 40,000 से अधिक डॉक्टर्स पीजी कोर्स करेंगे। नए कोर्स लागू होने पर कम से कम 10000 पीजी डॉक्टर्स हर समय जिलों के अस्पताल के जरिए अपनी सेवाएं ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में दे रहे होंगे। प्रस्तावित कोर्स के अनुसार एमडी या एमएस कर रहे सभी डॉक्टरों के लिए तीसरे, चौथे या पांचवें सेमेस्टर की पढ़ाई के दौरान 3 महीने के लिए जिला अस्पताल या जिले के ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र में कार्य करना अनिवार्य होगा।