First general election in independent India.

स्वतंत्र भारत का पहला चुनाव, आज भी जीवित है देश का प्रथम मतदाता 105 वर्षीय श्याम सरन नेगी

यह अक्टूबर का महीना है। इसी महीने में 70 वर्ष पूर्व आजाद भारत का प्रथम चुनाव हुआ था। स्वतंत्र भारत के प्रथम मुख्य चुनाव आयुक्त थे आईसीएस सुकुमार सेन, जिन्होंने 1951-52 और 1957 का चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न कराया था। पहले चुनाव ने देश को बहुत कुछ दिखाया, सिखाया और साबित भी किया।

बता दें कि सर्वप्रथम इसी अक्टूबर महीने की 25 तारीख को 1951 की सुबह आजाद भारत में मतदान की शुरुआत हुई थी। हिमाचल प्रदेश अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करने वाला पहला राज्य बना था, क्योंकि सर्द मौसम को देखते हुए यह फैसला लिया गया था। तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त ने 68 चरणों में चुनाव की योजनाएं बनाई थी।

1st voter of 1st general election Shri Shyam Sharan Negi after casting his vote in 2019 general election.
1st voter of 1st general election Shri Shyam Sharan Negi after casting his vote in 2019 general election.

जानिए कि हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के कल्पा गांव निवासी स्कूल टीचर श्याम शरण नेगी को अपने गांव से अलग प्रशासन द्वारा मतदान केंद्र प्रभारी बनाया गया था। नेगी एक वोट के मूल्य को समझते थे। वे मतदान शुरू होने से 1 घंटे पहले यानि सुबह 6:00 बजे ही अपने गांव के प्राथमिक विद्यालय के मतदान केंद्र पर पहुंच गए। वहां उन्होंने अधिकारियों को अपनी स्थिति के बारे में बताया। तैनात अधिकारी ने उन्हें 6:30 बजे मतपत्र दिया और नेगी पहले मतदाता बन गए। फिर भागते हुए सुबह 7:15 बजे अपने बूथ की कमान संभालने पहुंच गए।

उन दिनों अक्टूबर 1951 से फरवरी 1952 तक यानि 4 महीनों में प्रथम चुनाव संपन्न हुआ था। तब देश में साक्षरता की भारी कमी थी। दो दिग्गज आचार्य जेबी कृपलानी फैजाबाद (यूपी) से एवं बाबा साहब अंबेडकर मुंबई नॉर्थ से चुनाव हार गए थे। वर्ष 1953 में आचार्य कृपलानी मधेपुरा से संसदीय उपचुनाव जीतकर मधेपुरा का प्रतिनिधित्व किए थे। मनीषी भूपेन्द्र नारायण मंडल एवं लोक नायक जेपी ने कृपलानी जी को मधेपुरा से चुनाव लड़ने की पहल की थी।

सम्बंधित खबरें