एस.के.पी.वाई.मेमोरियल ट्रस्ट के बैनर तले शिक्षक शिवकुमार बाबू की 78वीं जयन्ती मनाई गई जिसमें शहर के दिग्गज शिक्षाविदों एवं समाजसेवियों की जमघट हुई |
मुख्य अतिथि के रूप में भू.ना.मंडल वि.वि. के संस्थापक कुलपति, लोकसभा एवं राज्यसभा के सांसद रह चुके डॉ.रमेन्द्र कुमार यादव रवि ने शिक्षक शिवकुमार बाबू के प्रति उद्गार व्यक्त करते हुए अपने बारे में कहा कि मैं कुछ भी कहलाने से बेहतर ‘शिक्षक’ कहलाना ही पसन्द करूँगा | डॉ.रवि ने कहा- मैं शिक्षक था, शिक्षक हूँ और आगे भी शिवकुमार बाबू की तरह शिक्षक रहकर बच्चों में शील व संस्कार का भंडार देना चाहूँगा……!
आरम्भ में दीप जलाकर समारोह का उद्घाटन करते हुए मंडल वि.वि. के प्रतिकुलपति, डॉ.जे.पी.एन.झा ने शिक्षक और समाज के सम्बन्धों को उजागर करते हुए खेद प्रकट किया कि चाहने के बावजूद भी विश्वविद्यालीय शिक्षा में अपेक्षित सुधार इसलिए नहीं हो पा रहा है कि सेवानिवृत शिक्षकों के पदों पर अर्से से नियुक्ति नहीं हो पा रही है |
टी.पी.कॉलेज में अंग्रेजी के सफल प्रोफ़ेसर एवं मंडल वि.वि. में सी.सी.डी.सी. रहे राय वसंत कुमार सिन्हा साहब की अद्वितीय सेवा के लिए संस्थापक कुलपति डॉ.रवि, दो प्रतिकुलपति डॉ.के.के.मंडल व डॉ.जे.पी.एन.झा एवं समाजसेवी डॉ.मधेपुरी सहित स्वागताध्यक्ष दशरथ प्र.सिंह सभी ने एस.के.पी.वाई.मेमोरियल ट्रस्ट की ओर से अंगवस्त्रम एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया |प्रशस्ति पत्र का वाचन डॉ.आलोक कुमार ने किया | जहाँ सचिव प्रो.रीता कुमारी द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन पेश किया गया वहीँ अतिथियों का अभिनन्दन स्वागताध्यक्ष दशरथ प्र.सिंह ने किया |
समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने गुरु ‘शिव’ की तुलना पर्वत पुरुष दशरथ मांझी से करते हुए कहा कि साठ के दशक में जब दशरथ मांझी ने छैनी-हथोड़ी लेकर पहाड़ को काटकर रास्ता बनाने का नन्हा सा संकल्प लिया होगा तब दुनिया सो रही होगी लेकिन आज वही माउंटेन मैन बनकर बरगद के वृक्ष की तरह सम्पूर्ण संसार में फैलता जा रहा है जैसे अनुशासन के लिए शिक्षक ‘शिव’ चर्चित हुए |
अद्यक्षीय भाषण में तिलका मांझी वि.वि. में प्रतिकुलपति रहे डॉ.के.के.मंडल ने कहा कि शिक्षक शिवकुमार बाबू ने कठोर अनुशासन का पालन करते हुए अनेक अनगढ़ पत्थरों को गढ़कर उसमे शिवत्व प्रदान किया है | वहीँ ट्रस्ट की अद्यक्षा करुणा कुमारी यादव द्वारा क्विज प्रतियोगिता में चयनित तीन प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया |

मौके पर सेवानिवृत कुलसचिव शचीन्द्र, प्रधानाचार्य श्यामल किशोर यादव, शिवदत्त मंडल, धनञ्जय प्रसाद सिंह, प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ.अरुण कुमार मंडल, सिंडीकेट सदस्य डॉ.अजय कुमार, क्रीड़ा पदाधिकारी डॉ.शैलेन्द्र कुमार, फर्जी हास्य कवि डॉ.अरुण कुमार, डॉ.अशोक कुमार, डॉ.नरेश कुमार, पत्रकार देवेन्द्र कुमार, मेडम सीता देवी, प्रो.चंद्रशेखर सहित छात्रों की अच्छी खासी उपस्थिति रही | मंचसंचालन डॉ.विनय कुमार चौधरी ने किया | अंत में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बाद अद्यक्ष के निदेशानुसार कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की गई |