जानिए कि एयर इंडिया 68 साल बाद फिर हुई टाटा कंपनी की। टाटा संस ने कर्ज में डूबी सरकारी एयरलाइन के अधिग्रहण की बोली जीत ली। जहां स्पाइसजेट के मालिक अजय सिंह ने एयर इंडिया के लिए बोली लगाई 15 हजार करोड़ वहीं टाटा संस 3000 करोड़ ज्यादा बोली लगाकर यानी 18 हजार करोड़ की बोली लगाकर अंततः 100% हिस्सेदारी हासिल कर ली।
बता दें कि जेआरडी टाटा (जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा) ने 1932 में एयरलाइन की स्थापना की थी जिसे तब “टाटा एयरलाइंस” कहा जाता था। वर्ष 1946 में टाटा संस के विमानन प्रभाग को एयर इंडिया के रूप में सूचीबद्ध किया गया और 1948 में ‘एयर इंडिया इंटरनेशनल’ नाम दिया गया। वर्ष 1953 में इसका राष्ट्रीयकरण हो गया।
अब कर्ज में डूबी एयर इंडिया को सरकार बेच रही है। टाटा समूह की बोली सर्वाधिक होने और जीतने पर रतन टाटा ने कहा कि एयर इंडिया वापसी का स्वागत है। खुशी है कि अब टाटा के हाथ एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस की कमान आएगी।
चलते-चलते यह भी कि जब 4 अक्टूबर को यह बोली लगाई जा रही थी उस समय केंद्र सरकार के लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव तुहीन कांत पांडे के अतिरिक्त गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल एवं नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित अन्य मंत्रीगण मौजूद थे।