वर्ष 1994 में जब बिहार के मुख्यमंत्री थे लालू प्रसाद तब बिहार में केवल 53 महिला पुलिस अधिकारी थीं अब 27 वर्षों के बाद जब सूबे के मुख्यमंत्री हैं नीतीश कुमार तो बिहार को पहली बार 615 महिला पुलिस अधिकारी मिली है।
बता दें कि सीएम नीतीश कुमार सदैव न्याय के साथ विकास और सशक्त महिला, सक्षम महिला केवल बोलते ही नहीं, बल्कि गंभीरता पूर्वक यह कहते कि महिलाओं की सुरक्षा सबसे जरूरी है। यह भी कि राज्य में कानून का राज कायम रखना मेरी प्राथमिकता है। तभी तो सभी थानों में महिला पुलिस पदाधिकारी का होना अनिवार्य कर दिया गया है।
जानिए कि झारखंड अलग होने के बाद बिहार में ट्रेनिंग की व्यवस्था नहीं थी। राजगीर में बेहतर सुविधाओं के साथ पुलिस अकादमी का निर्माण किया गया। महिलाओं को नीतीश सरकार द्वारा 35% आरक्षण दिया गया। पहली खेप में इतनी संख्या में महिला पुलिस अधिकारी देख सीएम नीतीश कुमार ने भावविभोर होकर बस इतना ही कहा- “देश में सबसे ज्यादा महिला पुलिसकर्मी अपने बिहार में है।” सीएम ने यह भी कहा कि हम पुलिस के काम में हस्तक्षेप नहीं करते। ना किसी को बचाते हैं, ना फंसाते हैं। पुलिस भी यही करे। पुलिस का जो संवैधानिक दायित्व है वही करें।
चलते-चलते यह भी कि इन महिला पुलिस पदाधिकारियों के रूप में अन्य करतबों के अलावे चलती बुलेट मोटरसाइकिल पर 3 नॉट 3 राइफल थामे बेटियों को देख उनके भाव विभोर माता-पिता के अलावे समाजसेवी-शिक्षाविद डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी सहित मौजूद भीड़ की तालियों की गड़गड़ाहट का मनोभाव बस यही था- हमारी बेटियां किसी भी मायने में बेटों से कम है क्या ?