राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर आजादी के पूर्व विद्रोही और आजादी के बाद देशभक्ति से ओतप्रोत कवि बने रहे। जिनकी सभी कविताएं मन को आंदोलित करने की हुनर और ताकत रखती हैं। तभी तो दिनकर जी सदैव राष्ट्रकवि के साथ-साथ जन कवि भी बने रहे। यह इज्जत बहुत कम कवियों को नसीब होता है। ये बातें समाजसेवी-शिक्षाविद डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने कौशिकी क्षेत्र हिंदी साहित्य सम्मेलन के परिसर में चल रहे तुलसी पब्लिक स्कूल द्वारा आयोजित राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर की 114वीं जयंती के अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में कही।
कार्यक्रम के आरंभ में मुख्य अतिथि डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी, विशिष्ट अतिथि श्यामल कुमार सुमित्र और समारोह की अध्यक्षता कर रहे टीपीएस के प्राचार्य डॉ.हरिनंदन यादव सहित शिक्षकगण वरुण कुमार वर्मा, मनोज कुमार एवं शिक्षिकाएं रोजी कुमारी एवं रेणु कुमारी द्वारा राष्ट्रकवि दिनकर के तैल चित्र पर बारी-बारी से पुष्पांजलि की गई। छात्र-छात्राओं ने भी पुष्पांजलि की।
इस कार्यक्रम में कौशिकी के संरक्षक, संस्थापक कुुुलपति व सांसद रह चुके डॉ.आरके यादव रवि एवं स्थाई अध्यक्ष श्री हरिशंकर श्रीवास्तव शलभ की स्मृति को नमन किया गया। साथ ही दो मिनट का मौन भी रखा गया। डॉ.मधेपुरी ने विस्तार से दोनों साहित्यकारों की रचनाओं से बच्चों को अवगत कराया।
इस अवसर पर टीपीएस के निदेशक एवं कौशिकी के उप सचिव श्यामल कुमार सुमित्र एवं प्राचार्य डॉ.हरिनंदन यादव ने भी विस्तार से राष्ट्रकवि दिनकर के कृतित्व की चर्चा की। स्कूल की दो छात्राएं सृष्टि कुमारी एवं सोनी कुमारी ने भी विचार व्यक्त किया। मौके पर शिवानी कुमारी, पूजा कुमारी सहित अन्य शिक्षिकाएं भी मौजूद थीं। धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक वरूण कुमार वर्मा ने किया।