इस वर्ष भी कोरोना की आगत संभावनाओं के मद्देनजर 5 सितंबर (रविवार) को भौतिकी के लोकप्रिय शिक्षक रह चुके प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने अपने ‘वृंदावन’ निवास में स्कूली बच्चों के साथ शिक्षक दिवस पर अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शिक्षक भारतरत्न प्रो.(डॉ.)सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती मनाई। डॉ राधाकृष्णन भारत के दूसरे राष्ट्रपति, विश्वविख्यात दार्शनिक एवं शिक्षक रहते हुए भारतरत्न से सम्मानित प्रखर विद्वान थे।
डॉ.मधेपुरी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए छात्रों एवं शिक्षकों को शिक्षक दिवस पर संबोधित करते हुए कहा कि डॉ.राधाकृष्णन ने 40 वर्षों से भी ज्यादा समय तक शिक्षक के रूप में देश की सेवा की। उनके जन्मदिन को सभी शिक्षकों के सम्मान में सेलिब्रेट किया जाता है।
उन्होंने कहा कि यह वह पवित्र दिन है जिस दिन सभी छात्र अपने शिक्षकों के प्रति आभार प्रकट करते हैं और करते हैं विभिन्न प्रकार के शैक्षणिक कार्यक्रमों का आयोजन भी। आज के दिन समस्त युवजन को चाहिए कि वे अपने शिक्षकों के प्रति श्रद्धा व सम्मान की महान भारतीय परंपरा को मजबूत बनाएं। सारा देश आज डॉ.राधाकृष्णन, डॉ जाकिर हुसैन एवं डॉ कलाम जैसे शिक्षक-राष्ट्रपति को सलाम करता है जिन्हें राष्ट्रपति बनने से पूर्व ही भारतरत्न सरीखे सम्मान से सम्मानित किए गए थे।
चलते-चलते डॉ.मधेपुरी ने कहा कि आज के दिन देश के समर्पित शिक्षकों को राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाता है और राज्य स्तर पर वैसे ही समर्पित व मेहनती शिक्षकों को बिहार के मुख्यमंत्री भी सम्मानित करते हैं। सम्मानित किए जाने पर शिक्षक प्रोत्साहित होते हैं और संपूर्ण निष्ठा व लगन से अपने कार्यों में जुटे रहते हैं तथा सृजन के कार्यों से भी जुड़े रहते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक सही मायने में समाज का सृजनहार होता है, रक्षक एवं रहवर होता है।