स्थानीय संयुक्त कृषि भवन के भव्य सभागार में प्रगतिशील औषधीय कृषक एवं गजलगो शंभू शरण भारतीय द्वारा मशहूर गजल सम्राट दुष्यंत कुमार की याद में कृषक कवि गोष्ठी का आयोजन 1 सितंबर (बुधवार) को आयोजित किया गया।
आयोजन का उद्घाटन करते हुए जिला कृषि पदाधिकारी एवं कृषकों के सुप्रसिद्ध कवि श्री राजन बालन एवं सहायक उद्यान निदेशक श्रीमती किरण भारती ने विस्तार से बताया कि पौधे भी सांस लेते हैं, नहाते हैं और गीत गाते हैं। डीएओ बालन ने तो दुष्यंत कुमार को याद करते हुए तरन्नुम में गीत गाकर सबों का मन मोह लिया और खूब तालियां बटोरी। उन्होंने जिले के किसान के दिलों में भी स्थाई रूप से जगह बना ली है।
इस अवसर पर आयोजक शंभू शरण भारतीय द्वारा डीएओ राजन बालन, सहायक उद्यान निर्देशिका श्रीमती भारती, समाजसेवी-साहित्यकार डॉ भूपेन्द्र मधेपुरी सहित मुख्य अतिथि सुयश सिंह, मनोज भावुक, पत्रकार डॉ.राजेश एवं योगीराज को सम्मानित किया गया। सभी अतिथियों ने किसान की बेहतरी के लिए दुष्यंत कुमार की पंक्तियों को पेश करते हुए अपनी-अपनी भावनाओं को विस्तार से व्यक्त किया। बीच-बीच में मंच संचालन के क्रम में शंभू शरण द्वारा दुष्यंत कुमार की पंक्तियां करीने से कही जाती रही और हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा।
शिक्षाविद अभिभावक की भूमिका का निर्वहन करते हुए डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने कहा कि दुष्यंत कुमार गीत एवं हिन्दी गजल सम्राट के रूप में सदा याद किए जाएंगे। डॉ.मधेपुरी ने उनकी रचनाओं- सूरज का स्वागत, साये में धूप और दोहरी जिंदगी की चर्चा करते हुए आजाद भारत में ‘किसान की बेटी का ब्याह’ कविता का पाठ किया। इस अवसर पर डॉ.सिद्धेश्वर कश्यप, प्रो.मणि भूषण वर्मा, प्रो.(डॉ.)अरुण कुमार, आद्ययानंद, डॉ.सुरेश भूषण आदि ने कविता पाठ किया। अंत में शंभू शरण भारतीय ने प्रगतिशील किसान भोला यादव, जयप्रकाश यादव सहित सभी किसान भाइयों एवं अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। शंकर कुमार ने कार्यक्रम समापन की घोषणा की।