भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव “कृष्ण जन्माष्टमी” पर रहती है चतुर्दिक विशेष धूम

भगवान विष्णु के अवतारों में सबसे पहले नंबर पर आता है- कृष्ण जन्माष्टमी। द्वापर युग में अत्याचारी कंस से लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए भगवान विष्णु ने कृष्णावतार लिया। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देवकी और वासुदेव की आठवीं संतान के रूप में भगवान कृष्ण का जन्म भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था। जिसे भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में उनकी जन्मस्थली मथुरा में विशेष धूमधाम से मनाई जाती है। देश के सभी कृष्ण मंदिरों में भी यह जन्मोत्सव सर्वाधिक श्रद्धा के साथ मनाई जा रही है।

बता दें कि इस वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी 30 अगस्त सोमवार को मध्य रात्रि में पूरे ब्रज क्षेत्र में धूमधाम से मनाई जाएगी। इस अवसर पर श्रद्धालुओं व भक्तों द्वारा घरों से लेकर मंदिरों तक में झांकियां सजाई जाएंगी। घर में बाल गोपाल का जन्मोत्सव भी मनाते रहेंगे लोग।

मौके पर समाजसेवी-शिक्षाविद् डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने कहा कि जिस तरह से सावन मास में भगवान शिव की भक्ति की धूम रहती है उसी तरह से भादो मास में श्री कृष्ण की आराधना की धूम मची होती है। डॉ.मधेपुरी ने कहा कि इस वर्ष भगवान श्री कृष्ण का 5247वां जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। भारत में मनाए जाने वाले सभी पर्व-त्योहार हमारी सांस्कृतिक विरासत व विविधता में एकता का प्रतीक माना जाता है।

 

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