मधेपुरा जिला जदयू कार्यकारिणी की बैठक स्थानीय भूपेन्द्र कला भवन में जिलाध्यक्ष श्रीमती मंजू देवी उर्फ गुड्डी देवी की अध्यक्षता में पहली बार 26 अगस्त को आयोजित की गई। सवेरे में भारी वर्षा के बावजूद सुपौल से मधेपुरा जिला प्रभारी अमर कुमार चौधरी उर्फ भगवान चौधरी, आलमनगर से लोकसभा प्रभारी बुलबुल सिंह सहित पुरैनी, चौसा, बिहारीगंज, ग्वालपाड़ा जैसे दूरदराज के प्रखंडों से भी समर्पित कार्यकर्तागण इतनी संख्या में आए कि हाॅल के अंदर जगह कम पड़ गई।
बता दें कि कार्यक्रम का उद्घाटन बिहारीगंज के विधायक निरंजन कुमार मेहता, मीडिया सेल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.अमरदीप, समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, जिला प्रभारी भगवान चौधरी, लोकसभा प्रभारी बुलबुल सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष सियाराम यादव, महेन्द्र पटेेल, अशोक चौधरी आदि सहित जिलाध्यक्ष गुड्डी देवी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। तत्पश्चात तेरहो प्रखंड के अध्यक्ष, नव मनोनीत पदाधिकारियों सहित आगत अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्रम व पुष्पगुच्छ देकर जिला आयोजन समिति द्वारा बारी-बारी से किया गया।
जदयू के वरिष्ठ नेता डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने सर्वप्रथम अपने संबोधन में यही कहा कि संगठन को स्वस्थ रखने के लिए सकारात्मक सोच के समस्त कार्यकर्ताओं को सदैव सजग रहना है। बाद में सभी प्रखंड अध्यक्षों, अतिथियों एवं नव मनोनीत पदाधिकारियों द्वारा जदयू को मजबूती प्रदान करने का संकल्प दोहराया गया। उद्घाटनकर्ता जनप्रिय विधायक निरंजन मेहता एवं मुख्य अतिथि मीडिया सेल के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ.अमरदीप ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा किए गए विकास कार्यों एवं नारी सशक्तिकरण पर विस्तार से चर्चा की तथा कार्यकर्ताओं से कहा कि जनता के बीच जाकर मुख्यमंत्री के कार्यों की चर्चा करें ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।
जिलाध्यक्ष गुड्डी देवी ने सबों का सम्मान करते हुए जदयू के मजबूती की कामना की और कहा कि जदयू के सभी संगठनों को कार्यकर्ताओं द्वारा ही पोषण मिलेगा।
कार्यक्रम के अंतिम चरण में कोरोना काल में दिवंगत हुए जिले के सभी नर-नारियों सहित पूर्व सांसद व कौशिकी क्षेत्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन के संरक्षक डॉ.आर.के.यादव रवि एवं उनकी धर्मपत्नी डॉ.मीरा, कौशिकी के अध्यक्ष डॉ.हरिशंकर श्रीवास्तव शलभ आदि को श्रद्धांजलि दी गई। मौके पर मनोज भटनागर, सत्यजीत यादव, डॉ.शोभा कांत, राणा रामकृष्ण, नवीन कुमार मेहता सहित अन्य भी मौजूद थे।