कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सामाजिक न्याय के प्रणेता एवं बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके बीपी मंडल की 103वीं जयंती राजकीय समारोह के रूप में मनाई गई।
सर्वप्रथम प्रातः 9:15 बजे पूर्वाहन में समाहरणालय मधेपुरा के सामने बीपी मंडल चौक स्थित उनकी प्रतिमा पर डीएम श्याम बिहारी मीणा, एसपी योगेंद्र कुमार, डीडीसी विनोद कुमार सिंह, एडीएम शिव कुमार शैव, एसडीओ नीरज कुमार, नजारत डिप्टी कलेक्टर, डीटीओ व अन्य पदाधिकारीगण सहित समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.अरूण कुमार मंडल, समाजसेवी शौकत अली एवं जदयू जिलाध्यक्ष गुड्डी देवी की पूरी टीम द्वारा माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित की गई।
डीएम के काफिले द्वारा मुरहो स्थित उनकी समाधि पर माल्यार्पण करने के बाद सर्वधर्म प्रार्थनाएं और डॉ. भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी द्वारा तैयार किए गए बीपी मंडल के संक्षिप्त जीवन वृत्त का श्रवण किया गया।
संध्या 7:00 बजे पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार समाजसेवी शौकत अली के निर्देशन में 103 दीये मधेपुरा स्थित बीपी मंडल की प्रतिमा पर नाजिर अनिल कुमार की मौजूदगी में स्कूली बच्चे-बच्चियों- ललन कुमार, कंचन कुमारी, अमलेश कुमार, भवेश यादव, गौरव कुमार, सौरभ कुमार और मोहम्मद रजा द्वारा सजाया गया। समाजसेवी शौकत अली के अनुरोध पर समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित किया गया और बच्चों के उत्साह को बनाए रखने के लिए समाजसेवी शौकत अली के अनुरोध पर डॉ.मधेपुरी ने अपने संक्षिप्त संबोधन में सामाजिक वैज्ञानिक बीपी मंडल के लिए यही कहा-
“दुनिया में प्रतिदिन लाखों बच्चे जन्म लेते हैं और उन बच्चों में से कुछ ही बच्चे ऐसे होते हैं जो बड़े होकर अपनी प्रतिभा, पौरुष व पुरुषार्थ के बल पर दुनिया को ऐसा कुछ दे जाते हैं कि दुनिया हमेशा उन्हें याद करती है। ऐसे ही बच्चों में से एक हुए बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल जिन्हें दुनिया बीपी मंडल के नाम से जानती है।”
अंत में समाजसेवी शौकत अली एवं बच्चों ने बीपी मंडल अमर रहे के नारे लगाए। डाॅ.मधेपुरी को सुनकर बच्चों ने भी उन्हें भारत रत्न देने की मांग की।