चार करोड़ की जनसंख्या वाला अफगानिस्तान बड़ी आसानी से तालिबान के कब्जे में आ गया। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी चंद रोज कबल यही कहते रहे कि हम अंत तक लड़ेंगे और जीतेंगे। परंतु, तालिबानी लड़ाकों के राजधानी काबुल में घुसने से पहले ही राष्ट्रपति गनी परिवार सहित देश छोड़कर चले गए। अब गनी कहते हैं कि खून-खराबा रोकने के लिए ऐसा किया।
बता दें कि राष्ट्रपति गनी एक कार में 50 लाख अमेरिकी डॉलर लेकर एयरपोर्ट तक गए तो थे, परंतु तालिबानी धमकियों से भयभीत होकर कैश वहीं छोड़ गए। और तो और गनी के जाते ही पूरी अफगान सेना ही गायब हो गई। ऑफिस में महिलाओं का जाना बंद और बिना बुर्के में दिखने वाली महिलाओं की हत्या का तालिबानी ऐलान। 30 वर्ष से कम आयु की लड़कियों, महिलाओं की खोज जारी जिनके साथ तालिबानी लड़ाके ऐश करेंगे…।
जानिए कि एयरपोर्ट पर जान बचाने की जानलेवा दौड़ जारी है। चारों ओर चीख-पुकार ! बड़ी संख्या में लोग हवाई अड्डे की ओर भाग रहे। जल्दी से देश से निकलने की होड़ के कारण तीन अफगानी विमान के पहिए में छिप गए थे जो विमान के उड़ान के वक़्त ही जमीन पर गिरे और मौत को गले लगा लिए।
यह भी कि भारत सरकार ने हालात बेकाबू देखकर वहां के दूतावास अधिकारियों एवं कर्मचारियों को वापस बुला लिया। फिर भी हजारों फंसे भारतीयों को लाने के लिए एयर इंडिया से कहा कि दो विमान काबुल के लिए रिजर्व रखे जाएं।
मौके पर समाजसेवी-शिक्षाविद् डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस ऐलान के वास्ते हृदय से कृतज्ञता ज्ञापित किया है कि उन्होंने देश को ताकतवर और प्रभावशाली बनाने के लिए 75वें स्वतंत्रता दिवस पर कहा- “देश के सभी सैनिक स्कूल बेटियों के लिए भी खोल दिए जाएंगे यानि अब सभी सैनिक स्कूल में बेटियां भी पढ़ेंगी।”
अंत में डॉ.मधेपुरी ने कहा कि राष्ट्र का मजबूत होना जरूरी है अन्यथा अफगानिस्तान की ही तरह घर-द्वार, सारा व्यापार एवं बैंक बैलेंस आदि छोड़कर भागना पड़ेगा और रिफ्यूजी बनकर पड़ोसी देश की शरण में जाना पड़ेगा।