आज जहां भारत आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रहा है वहीं मधेपुरा भी कोरोना के कारण बिना बच्चों की सहभागिता के आजादी का जश्न विद्यालय व महाविद्यालय के प्रधान से लेकर भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो.(डॉ.)आरकेपी रमण के नेतृत्व में मना रहा है। एनसीसी के जवानों की उपस्थिति में जन-गण-मन की धुन बजते रहे और काले-काले बादलों की टुकड़ियों के बीच बूंदा-बूंदी का लुत्फ लेते हुए सभी उपस्थित नर-नारी व युवा आजादी के इतिहास का रसास्वादन करते रहे। इस अवसर पर टीपी कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ.केपी यादव के द्वारा 10 श्रेष्ठ छात्र-छात्राओं को सम्मानित भी किया गया।
बता दें कि मधेपुरा के भूपेन्द्र चौक पर समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने डॉ.आलोक कुमार, सतीश कुमार, अधिवक्ता सुधांशु रंजन, आनंद कुमार आदि को संबोधित करते हुए यही कहा कि 75 वर्ष में केवल 74 बार 15 अगस्त को लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री द्वारा ध्वजारोहण किया गया और देश को संबोधित भी किया गया।
बस केवल एक बार 1947 में प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आजादी का जश्न 16 अगस्त को लाल किले के प्राचीर से मनाया था और देशवासियों को संबोधित किया। ऐसा इसलिए हुआ था कि 15 अगस्त 1947 को राष्ट्रपति भवन, संसद भवन एवं बोट क्लब स्थित इंडिया गेट पर ध्वजारोहण का जश्न मनाते-मनाते ही शाम हो गई थी।
इस अवसर पर डॉ. मधेपुरी ने ध्वजारोहण और झंडोत्तोलन में अंतर की जानकारी भी दी और आजादी के दीवानों को हृदय से नमन किया, बंदन किया। कर्पूरी चौक पर पूर्व विधायक परमेश्वरी प्रसाद निराला ने ध्वजारोहण किया, जदयू जिला अध्यक्ष गुड्डी देवी ने भी तिरंगे को सलामी दी।
यह भी जानिए कि बीएन मंडल स्टेडियम में मधेपुरा के डीएम श्याम बिहारी मीणा, एसपी योगेंद्र कुमार सहित सभी पदाधिकारियों ने कोरोना वायरस के नियमों का पालन करते हुए राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दिया और जिले के विकास की बातें की। समाजसेवी शौकत अली एवं सीताराम पंडित ने भी तिरंगे को सलामी दी।
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