Vikram Sarabhai

इसरो के संस्थापक डॉ.विक्रम साराभाई की 102वीं जयंती पर बोले डॉ.मधेपुरी

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते अपने निवास वृंदावन में भौतिकी के प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने बच्चों व युवाओं को इसरो के संस्थापक डॉ.विक्रम अंबालाल साराभाई की 102वीं जयंती पर उन्हें स्मरण व नमन करते हुए ये बातें कही-

आज ही के दिन 12 अगस्त 1919 को अहमदाबाद (गुजरात) में माता सरला व पिता अंबालाल के घर एक बालक का जन्म हुआ जो आगे विक्रम अंबालाल साराभाई के नाम से लोक विश्रुत हुआ। उनकी शुरुआती शिक्षा गुजरात में तथा उच्च शिक्षा कैंब्रिज विश्वविद्यालय, इंग्लैंड में हुई। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान में भारत को सर्वोच्च स्थान दिलाया।

डॉ.मधेपुरी ने बच्चों से यह भी कहा कि 28 वर्ष की उम्र में ही साराभाई ने आजादी मिलने के बाद ही 11 नवंबर 1947 को अहमदाबाद में फिजिकल रिसर्च लैबोरेट्री की स्थापना की। कालांतर में वे एटॉमिक एनर्जी कमिशन के चेयरमैन भी बने। डॉ.साराभाई को 76 वैज्ञानिक शोध पत्रों के प्रकाशन एवं 40 वैज्ञानिक शोध संस्थाओं की स्थापना करने का श्रेय प्राप्त हुआ। इसलिए उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण एवं मृत्योपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

अंत में डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम के अत्यंत करीबी रहे डा.मधेपुरी ने युवाओं से कहा कि एक बार महामहिम राष्ट्रपति डॉ.कलाम ने उनसे यही कहा था- “डॉ.विक्रम अंबालाल साराभाई भारत को वैज्ञानिक बुलंदियों तक ले जाने के लिए अहर्निश काम किया करते थे….. तभी तो उन्होंने मुझे दिल्ली के अशोका होटल में एक बार मिलने का समय रात्रि के 3:30 बजे दिया था।”

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