टोक्यो ओलंपिक- 2020 के समापन से एक दिन पूर्व नीरज चोपड़ा के ‘पानीपत’ का पानी ओलंपिक में रंग दिखा दिया। जब नीरज ने जैवलिन को 87.58 मीटर पर गाड़ा और भारत के लिए गोल्ड जीता कि 137 करोड़ भारतीय के भीतर खुशियों की लहर दौड़ गई। हुआ यही कि टोक्यो से दिल्ली तक सिर्फ इंडिया… इंडिया सुनाई देने लगा। सभी भारतवासियों के भरोसे को नीरज ने जीत लिया। 23 वर्षीय हरियाणवी छोड़ा की मेहनत ने रंग ला दी। सभी भारतीयों के चेहरे खिल उठे। टोक्यो के पोडियम में नीरज ने तिरंगा को ऊंचाई प्रदान की और राष्ट्रगान बजवा दिया। इसलिए तो टोक्यो- 2020 के समापन से पहले ही नीरज के लिए 13-14 करोड़ के इनाम का ऐलान हो चुका है।
बता दें कि टोक्यो ओलंपिक के समापन समारोह में भारत के ध्वजवाहक बजरंग पूनिया ने कहा कि 2024 के पेरिस ओलंपिक में गोल्ड के लिए होगी कोशिश। अभी विश्व के 200 से अधिक देशों में भारत 47वें स्थान पर है जबकि टोक्यो ओलंपिक में नंबर 4 पर रही महिला हॉकी टीम वरना……!
जानिए कि 125 वर्ष में एथलेटिक्स में पहला गोल्ड जीतकर नीरज ने उसे मिल्खा सिंह को समर्पित किया। नीरज ने भाला फेंककर दुनिया को स्तब्ध और भारतीयों को जश्न में डुबो दिया। भारत ने इस बार कुल 7 पदक जीते जिसमें एक नीरज का गोल्ड, 2 सिल्वर- चानू और रवि का तथा 4 कांस्य है- सिंधू, लवलीना, पूनिया एवं पुरुष हॉकी का। भारत यह सातों पदक 17 दिनों तक 205 देशों के 11000 से अधिक एथलीटों के साथ जद्दोजहद करके जीता है। टोक्यो- 2020 ओलंपिक में 33 खेल और 339 इवेंट्स हुए।
बता दें कि टोक्यो में नीरज का गोल्ड भारत का दसवां स्वर्ण पदक है। भारत ने इससे पहले हॉकी में 8 स्वर्ण और शूटिंग में अभिनव बिंद्रा ने एक स्वर्ण जीता था। अद्वितीय जोश एवं अतुलनीय धैर्य से खेलने वाले ही गोल्ड मेडल जीतते हैं।
जब नीरज ने भारत के लिए गोल्ड जीता तो राष्ट्रपति से लेकर खेल मंत्री सहित सभी भारतीयों ने उनके लिए हृदय से बधाइयों का तांता लगा दिया। भारतीय क्रिकेट की शान सुनील गावस्कर ने ताली बजाते हुए खड़े होकर अपने अद्भुत अंदाज में कहा- “टोक्यो के हीरो”।
सुविख्यात कवि कुमार विश्वास ने कहा कि कुश्ती और हॉकी में उम्मीद थी गोल्ड की जो चूक गई। परंतु, नीरज ने गोल्ड के लिए भाला गाड़ दिया।
अंत में ऐन मौके पर खेलप्रेमी-समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने टीवी पर गोल्ड मेडल पहने बीच में खड़े नीरज को देख उस लम्हे को याद करते हुए यूं बयां किया है- राष्ट्रगान का धुन बज रहा था। भारतीय तिरंगा धीरे-धीरे ऊपर उठ रहा था। मैं भावुक हो रहा था। मेरे अंदर उठ रहे जोश मेरे आंसू को कंट्रोल नहीं कर पा रहे थे… कदाचित उस घड़ी सभी भारतीयों के रोंगटे खड़े हो रहे होंगे… सबों की यही दशा रही होगी… सभी यही कह रहे होंगे- नीरज पर नाज है…! और यह भी कि… “भारत का भाला… है सबसे आला !!”