भारतीय हॉकी का जादूगर कहे जाने वाले ध्यानचंद के जमाने में ओलंपिक में अनेक गोल्ड मेडल भारत को मिले। टोक्यो ओलंपिक- 2020 में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने जर्मनी को 5-4 से हराकर 40-41 वर्ष बाद ब्रॉन्ज मेडल जीत कर नया इतिहास रचा है।
बता दें कि रेसलिंग में रवि दहिया को 57 किलोग्राम फाइनल में पहुंचकर भी सिल्वर पदक पाकर ही संतोष करना पड़ा, वहीं 22 वर्षीय दीपक पूनिया पहले राउंड में आगे बढ़ते हुए अंतिम सेकंड में ब्रॉन्ज जीतने से चूक गए। विनेश फोगाट एवं अंशु मलिक ने भी निराश किया भारतीय खेल प्रेमियों को।
भारतीय महिला हॉकी टीम ने तो पहली बार 130 करोड़ भारतीयों के अंदर उत्साह की लहर पैदा कर दी। इस बार ओलंपिक के रंगमंच पर महिला हॉकी टीम ने हार कर भी सभी भारतीयों के दिलों को जीत लिया।
मौके पर खेलप्रेमी-समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने भरपूर विश्वास जताते हुए यही कहा कि आगे पुरुष एवं महिला हॉकी टीम भारत को पूर्व की भांति गोल्ड जीतकर गौरवान्वित करेगी।