भारत में अन्य कोरोना वायरसों से साठ प्रतिशत ज्यादा संक्रामक म्युटेंट ‘ डेल्टा प्लस ‘ के लगभग 50 मामले पहचान लिए गए हैं। परन्तु, दवाओं से लेकर टीकों के साथ – साथ सतकर्ता के पैरामीटर्स के बारे में अभी भी वैज्ञानिक अंधेरे में है। इसका करण यही है कि डेल्टा प्लस बिलकुल नया म्युटेट है ।
जानिए कि इस नये म्युटेंट ‘डेल्टा प्लस’ के कारण ब्रिटेन एवं अमेरिका में तबाही चरम पर है। इसकी टेस्ट बहुत महंगी है। प्रति टेस्ट 10,000/- दस हजार रुपये लगते हैं। यही कारण है कि भारत में अब तक 40 हजार टेस्ट हो पाई है।
बता दें कि डेल्टा प्लस वायरस का कोई कारगर उपचार अब तक नहीं मिला है लिहाजा सामाजिक दूरी ही निदान बताया गया है। हाॅ ! इस दूरी के लिए पारामीटर्स क्या होंगे यह तय नहीं हो पाया है। क्योंकि पूर्व में वैज्ञानिक राय यही रही है कि नया म्युटेंट पहले वाले से कम घातक होता जाता है जो इस बार उल्टा हो रहा है। अब तो वैज्ञानिकों को यह भी सोचना और शोध कराना होगा कि कोरोना वायारस के लगातार बदलते स्वरूप पर रोक कैसे लगे !
मौके पर समाजसेवी डॉ. भूपेन्द्र मधेपुरी ने सबों से यही विनम्र अनुरोध किया है कि तब तक सभी “दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी ” को सख्ती से पालन करें और बार-बार हाथ धोते रहें जब तक प्रशासनिक स्तर पर और कोई दूसरा ऐलान नहीं हो ।