जबकि सारा भारत कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है तब भी कुछ लोग मुनाफाखोरों की भूमिका में कोरोना पीड़ितों की सांसे बंद करने में लगे हैं।
त्रिदेव के रूप में थल, जल और नभ के रास्ते से ऑक्सीजन टैंकरों की ढुलाई और विदेशों से भारत के लिए जांच उपकरण आदि भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। वायु एवं जल मार्ग से बड़े-बड़े जहाजों में आवश्यक सारे सामान बंदरगाहों एवं हवाई अड्डों पर उतारे जा रहे हैं और उन्हें थल सेना की मदद से ट्रेन व ट्रक द्वारा कोविड अस्पतालों को उपलब्ध कराये जा रहे हैं तथा मरीजों तक पहुंचाए जा रहे हैं।
जानिए कि देश कोरोना की तीसरी लहर से भयाक्रांत है फिर भी ऐसे लोगों की कमी नहीं जहां विवाह के अवसर पर भी कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। लापरवाही की तो इंतेहा हो रही है। बारात में इतनी भीड़ कि तिल रखने की जगह तक नहीं। ऊपर से भोजपुरी गानों का तुर्रा। शादी भी तो विधायक बाबू की लाडली बेटी की है ना,जो स्वयं प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाने के लिए मशहूर हैं।
लेकिन, ऐसे कुछ कोरोना वारियर्स तो अभी भी धरती पर हैं जिन्होंने प्राण की बाजी लगाकर मानवता की रक्षा के लिए अपना सब कुछ न्योछावर करने को तैयार हैं। ऐसे कोरोना वरियर्स का संकल्प है-
घर-घर पहुंचेगी ऑक्सीजन
जीतेंगे हम सांसों की जंग।