Dr.Bhupendra Madhepuri addressing at Sri Krishna Mandir Madhepura on the auspicious occasion of Sri Krishna Janmashtami and Teachers' Day .

श्री कृष्ण मंदिर में शिक्षक दिवस एवं जन्माष्टमी साथ-साथ संपन्न

यह एक अदभुत संयोग है कि शिक्षक दिवस और जन्माष्टमी साथ-साथ | यह दोनों महोत्सव श्री कृष्ण मंदिर में आज संपन्न हो रहा है | संसार की जितनी भी माताएं हैं चाहे वो हिन्दू-मुस्लिम, सिक्ख-ईसाई, जैन-पारसी किसी भी धर्म को मानने वाली हो- वह माँ दस मास तक अपना रुधिर पिलाकर तथा जीवन का अंश खिलाकर बच्चे को जन्म देती है, पालती व बड़ा करती है | फिर गुरु उन बच्चों को पसीना बहा-बहाकर संस्कारित करता है, आगे बढाता है और ऊंचाई प्रदान करता है – ये बातें डॉ. भूपेन्द्र मधेपुरी ने नव निर्माणाधीन विशाल श्री कृष्ण मंदिर में शिक्षकों एवं श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही |

Devotees, Students and Teachers celebrating Shri Krishna Janmashatmi and Teachers' Day collectively at under-construction site of Sri Krishna Mandir Madhepura .
Devotees, Students and Teachers celebrating Shri Krishna Janmashatmi and Teachers’ Day collectively at under-construction site of Sri Krishna Mandir Madhepura .

डॉ.मधेपुरी ने गुरु-शिष्य परम्परा की सर्वश्रेष्ठ जोड़ी के रूप में कृष्ण के ज्ञान और अर्जुन के कर्म को सर्वोत्कृष्ट कहा | साथ ही विक्रमशीला, नालंदा विश्वविद्यालयों की चर्चा की और अपने गुरु जलधर झा जलदेव को याद करते हुए कहा- “सीख-सीख कर गये विदेशी अपने घर में, फैली भारत की विद्याएँ दुनियाँ भर में ” ! आजाद भारत में तीन ऐसे महान शिक्षक हुए- जो कालान्तर में भारत के राष्ट्रपति भी बने, लेकिन शिक्षक रहते हुए वे “भारतरत्न” से सम्मानित हुए | उस त्रिमूर्ति डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉ.जाकिर हुसैन, डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम को स्मरण करते हुए डॉ.मधेपुरी ने कहा कि 5 सितम्बर 1888 को जन्मे राधाकृष्णन के जन्म दिन को भारत में 5 सितम्बर 1958से “शिक्षक दिवस” के रूप में मनाया जाने लगा | आरम्भ में डॉ.जाकिर हुसैन जामिया मिलिया के शिक्षक और डॉ.कलाम अन्ना वि.वि. के शिक्षक रहे | डॉ.कलाम तो राष्ट्रपति की जगह खुद को शिक्षक कहलाना ही सर्वाधिक पसंद करते रहे |

वहीँ प्राचार्य डॉ.सुरेश प्रसाद यादव ने अपने संबोधन में कहा कि डॉ.राधाकृष्णन विदेशों में भी गीता का ज्ञान लोगों में बांटते रहे और भारतीय दर्शन का पताका लहराते रहे | उन्होंने सबों से अनुरोध किया कि इस मंदिर को पूरा करने में अपना सहयोग दें | अद्यक्ष परमेश्वरी प्रसाद यादव, अजय कुमार आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये | कार्यक्रम में मुख्यरूप से उपस्थित रहे- प्रो.सच्चीदानंद, कमलेश्वर प्रसाद यादव, अमरेन्द्र प्रसाद यादव, राकेश कुमार, विशेश्वर यादव, दिनेश प्रसाद यादव आदि | एक सप्ताह से व्यास गद्दी के प्रवचनकर्ता श्री श्री 108 श्री राजेंद्र महाराज की सबों ने सराहना की |

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