कौशिकी क्षेत्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन के सचिव एवं समाजसेवी-साहित्यकार प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने वैश्विक चेतना के विराट लेखक फणीश्वर नाथ रेणु को कोरोना के पुनः लौटने के कारण अपने ‘वृंदावन’ निवास पर ही याद किया। रेणु जी की 100वीं जयंती के अवसर पर डॉ.मधेपुरी ने उपस्थित साहित्यानुरागी बच्चों से कहा कि रेणु जी सरीखे रचनाकार का जीवन तो मृत्यु के बाद भी अमर होता है।
यह भी जानिए कि रेणु जी की शताब्दी जयंती (4 मार्च, 2021) के दिन विश्व के 11 देशों के साहित्यकारों द्वारा उनके जीवन को सार्थक जीवन साबित करने हेतु आयोजित वेबीनार का रसास्वादन कौशिकी क्षेत्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष व कोसी क्षेत्र के वरिष्ठ साहित्यकार हरिशंकर श्रीवास्तव शलभ ने भी जमकर किया।
बकौल डॉ.मधेपुरी- 1976 में जब डॉ.मधेपुरी बीएन मंडल वाणिज्य महाविद्यालय के निर्माण के क्रम में फारबिसगंज में पद यात्रा पर थे तभी “मैला आंचल” (डाक्टर बाबू) फिल्म की शूटिंग चल रही थी। उन्होंने दिनभर रेणु जी के परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताया और निर्देशक नवेंदु घोष व सिने कलाकार मोहन चोटी के साथ शूटिंग में भाग भी लिया। डॉ.मधेपुरी के अनुसार मैला आँचल समाज निर्माण का एक सच्चा दस्तावेज है। रेणु उत्कृष्ट लेखक ही नहीं बल्कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सर्वोत्कृष्ट क्रांतििकारी भी रहे हैं।
अंत में जेपी आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले डॉ.मधेपुरी ने यह भी कहा कि लोकनायक जेपी के नेतृत्व में हुए संपूर्ण क्रांति के आंदोलन में भी रेणु जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, तभी तो मुख्यमंत्री से लेकर महामहिम राज्यपाल सहित सब के सब उनकी तस्वीर पर श्रद्धा के पुष्पअर्पित करते देखे गए।