नीतीश सरकार का बड़ा फैसला यह है कि शिक्षा पर अधिक सबसे अधिक यानि 21.92 फ़ीसदी राशि खर्च होगी। 5 वर्षों में 20 लाख रोजगार यानी 1 साल में 4 लाख रोजगार के अवसर भी होगी बड़ी उपलब्धि।
बता दें कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए राज्य सरकार की ओर से उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने 2 लाख 18 हजार करोड़ से अधिक का बजट पेश किया है, इसे अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञों ने भी बेहतर बजट बताया है। विशेषज्ञों ने रोजगार रियल होने की बात कही है, मनरेगा में इसकी गिनती नहीं करने की चर्चा की है।
प्राथमिक शिक्षा तो सबके लिए जरूरी है, परंतु उच्च शिक्षा में गिरावट को फोकस करते हुए देखना होगा कि विश्वविद्यालयों में योग्य शिक्षकों द्वारा पढ़ाई और शोध का सिलसिला थमे नहीं। शिक्षाविद प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने शुरू से लेकर ऊपर तक प्रायोगिक वर्गों के संचालन को सुदृढ़ करने का सुझाव दिया है।
डॉ.मधेपुरी ने कहा कि हर खेत को बिजली-पानी मिले और उत्पादों को बाजार मिले। वेतन और पेंशन जैसे मदों में पूर्व की तुलना में खर्च में कुछ कमी आई है। कार्यालयों में महिलाओं की तैनाती, पर्यावरण सुरक्षा हेतु विद्युत शवदाह गृह तथा मछली पालन को बढ़ावा- इससे लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु विकास दर को यह बजट और अधिक गति देगा।