Mohan-Shakuntala Teacher's Training College.

मोहन शकुंतला टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज परिसर में समाजसेवी मुखिया मोहन बाबू की 24वीं पुण्यतिथि मनी

मोहन शकुंतला ट्रेनिंग कॉलेज के संस्थापक सचिव व समर्पित शिक्षक रहे मकेश्वर प्रसाद के पिताश्री समाजसेवी मुखिया मोहन बाबू की 24वीं पुण्यतिथि समारोहपूर्वक मनाई गई। समारोह के उद्घाटनकर्ता बीएनएमयू के माननीय कुलपति प्रो. (डॉ.)आरकेपी रमण, मुख्य अतिथि प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी व कुलसचिव डॉ.कपिलदेव प्रसाद एवं विशिष्ट अतिथि डॉ.शांति यादव आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ.अशोक कुमार, शिक्षक परमेश्वरी प्रसाद, विकास पदाधिकारी डॉ.ललन अद्री सहित ढेर सारे रिटायर्ड शिक्षक, छात्र-छात्राएं व महिलाएं आदि मौजूद थीं।

कार्यक्रम का आरंभ स्वागत गान एवं स्वागत भाषण से किया गया। पाग व अंगवस्त्रम आदि देकर अतिथियों को सम्मानित किया गया। मंच संचालन मनोज कुमार ने किया और नामचीन उद्घोषक पृथ्वीराज यदुवंशी ने कार्यक्रम को सरस बना दिया।

उद्घाटनकर्ता के रूप में कुलपति डॉ.राम किशोर प्रसाद रमण ने विस्तार से विश्वविद्यालय के विकास की चर्चा करते हुए उपस्थित अभिभावकों से सहयोग करने की बात कही और मोहन बाबू के कर्मों की चर्चा करते हुए मोहन शकुंतला टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज को यथोचित सहयोग देने हेतु मौजूद मुख्य अतिथि कुलसचिव डॉ.कपिलदेव प्रसाद को निर्देश भी दिया। कुलपति डॉ.रमण ने यह भी कहा कि बाहर से कुलपति आते हैं और कार्यकाल समाप्त होने पर चले जाते हैं, परंतु मुझे तो यहीं रहना है, इसलिए दिन-रात एक कर विश्वविद्यालय का विकास करना है ताकि बाद में लोगों की शिकायत नहीं सुननी पड़े।

मुख्य अतिथि डॉ.मधेपुरी ने कहा कि मोहन बाबू की महानता इस बात से आंकी जा सकती है कि वे अपने पंचायत के लोगों के झगड़ों को कोर्ट-कचहरी तक नहीं आने देते थे। मुखिया के रूप में वे सदा नेक कर्मों से जुड़े रहे और लोगों को प्रेरित करते रहे। डॉ.मधेपुरी ने कहा कि मैंने भी एक नेक काम किया- वह यह कि कुलपति महोदय को अपने निवास तक जाने के लिए मुख्य सड़क एनएच-106 से संपर्क नहीं था। मैंने लगभग 10 लाख की जमीन राज्यपाल के नाम पर देकर पूरे मोहल्ले को आने-जाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया। परंतु, कुलपति महोदय भी कम नहीं किए, उन्होंने “डॉ.मधेपुरी मार्ग” का शिलापट्ट ही लगवा दिया। इसे ही कहते हैं- कर भला तो हो भला। मोहन बाबू ने मुखिया के रूप में लोगों का उपकार किया तो डीएम केपी रमैया ने उनके गांव लक्ष्मीनिया जाकर उन्हें पुरस्कृत भी किया।

विशिष्ट अतिथि डॉ.शांति यादव ने मोहन बाबू के संक्षिप्त जीवन वृत्त का फोल्डर बनवाकर वितरण करने हेतु सुझाव दिया। मधेपुरा कॉलेज के संस्थापक प्राचार्य डॉ.अशोक कुमार ने कहा कि सभी सक्षम व्यक्तियों को शिक्षण संस्थान अवश्य खोलनी चाहिए। डॉ.ललन अद्री, शिक्षक परमेश्वरी प्रसाद सहित अन्य अतिथियों ने उद्गार व्यक्त किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ.महेश्वर यादव प्राचार्य ने किया।

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