Samajsevi-Shikshavid Dr.Bhupendra Narayan Yadav Madhepuri paying homage to Jannayak Karpuri Thakur.

जननायक कर्पूरी ठाकुर की 34वीं पुण्यतिथि पर डॉ.मधेपुरी की श्रद्धांजलि

समाजवादियों के प्रेरणा स्रोत जननायक कर्पूरी की 34वीं पुण्यतिथि पर अपने वृंदावन निवास पर डॉ.मधेपुरी ने शत-शत नमन निवेदित किया तथा उनके तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। सहज, सरल, मृदुभाषी एवं ईमानदारी की प्रतिमूर्ति व बिहार के मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर ताजिंदगी गरीबों-वंचितों की सशक्त आवाज बने रहे।

जननायक कर्पूरी के सानिध्य में रहे समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने मौजूद बच्चों से कहा कि कर्पूरी ठाकुर को जननायक इसलिए कहते हैं लोग- क्योंकि उन्होंने खुद के लिए कभी नहीं जिया बल्कि ताजिंदगी वंचितों व बेकसों के संसार को सजाने में लगे रहे। मुख्यमंत्री रहते हुए जब किसी मुँहलग्गु ने कर्पूरी जी से बेटा रामनाथ को टिकट देने की बात कही तो उन्होंने कहा- ठीक है, मैं राजनीति से संयास ले लेता हूं। चंद दिनों बाद जब किसी निकटतम संबंधी मुख्यमंत्री कर्पूरी से छोटी-मोटी नौकरी मांगी तो उन्होंने सम्मान के साथ भोजन कराकर ₹50 देते हुए कहा कि इस पैसे से कैंची-स्तूरा खरीदकर पुश्तैनी काम शुरु कीजिए। आज भी कर्पूरी ठाकुर के गांव में फूस का ही घर है और उनकी पत्नी कुलेश्वरी देवी बकरी चराते हुए समय काटती रही जबकि वे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान थे। इसलिए लोग उन्हें जननायक कहने लगे हैं।

यही कारण है कि आज सभी राजनीतिक पार्टियां उनकी विरासत को लेकर अपने-अपने पार्टी मुख्यालय में उनकी जयंती और अब तो उनकी पुण्यतिथि भी मनाने लगी है।

 

सम्बंधित खबरें