भारतीय गणतंत्र के महामहिम राष्ट्रपति रहे विश्वविख्यात शिक्षक डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस 5 सितम्बर को 1958 से “शिक्षक दिवस” के रूप में मनाया जाता है | इस अवसर पर प्राइमरी, मिडिल एवं उच्च विद्यालयों के सराहनीय एवं प्रशंसनीय शैक्षणिक कार्यों के लिए चयनित शिक्षक-शिक्षिकाओं को प्रतिवर्ष राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाता है |
इस सम्मान में प्रत्येक राज्य का हिस्सा होता है जो वहां के शिक्षकों की संख्या पर निर्धारित किया जाता है | संस्कृत, परशियन एवं अरबी के शिक्षकों के लिए 20 (बीस) पुरस्कार आरक्षित कर दिए गये हैं | पूर्व की भांति इस वर्ष भी 5 सितम्बर को चयनित प्रत्येक शिक्षक को एक मैडल, प्रशस्ति पत्र एवं 25,000/- रुपए देकर सम्मानित करेंगे महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी | ज्ञातव्य हो कि इस वर्ष से केन्द्र सरकार द्वारा इस राशि को बढ़ाकर 50,000/- रुपया कर दिया गया है |
5 सितम्बर को महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के हाथों सम्मानित होने वाले पारसमणि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बभनी के सेवानिवृत शिक्षक सत्यनारायण झा को बभनी के ग्रामीणों ने गाजे-बाजे के साथ दिल्ली के लिए उत्सवी माहौल में विदा किया | आयोजित समारोह में वक्ताओं ने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि गाँव में नि:शुल्क रेणु बाल सुधार केन्द्र चलनेवाले तथा राजकीय स्तर तक के कई पुरस्कारों से अबतक सम्मानित हो चुके सेवानिवृत शिक्षक सत्यनारायण झा को राष्ट्रपति पुरस्कार मिलने से बभनी की धरती धन्य हो गई | पारसमणि हाई स्कूल भी आज गौरवान्वित हो रहा है | उसी स्कूल के छात्र रहे हैं सत्यनारायण झा | वहीँ पर विद्यालय प्रधान बनकर बच्चों में ज्ञान बाँटते रहे, जिन्हें कभी नहीं भुलाया जा सकेगा | विद्व्तजन रामशरण भगत, हरिहर झा, प्रदीप कुमार आदि ने कहा कि अभी भी हमलोग उनसे सीख रहे हैं | मौके पर लड्डू बाबू, सतो बाबू, प्रेम बाबू, मीणा झा, प्रमोद सिंह, रमेश सिंह आदि मौजूद थे |