Samajsevi-Shikshavid Dr.Bhupendra Narayan Yadav Madhepuri paying homage to Jannayak Karpuri Thakur on 93rd Birth Anniversary at Madhepura.

हर घर में समाजवादियों ने मनाई जननायक कर्पूरी की जयंती

जननायक कर्पूरी ठाकुर के सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन में आडंबर और दिखावे के लिए कोई जगह नहीं थी। उन्हें प्रायः लोग उत्तर भारत का पेरियर तो कोई-कोई महात्मा फूले, शाहूजी महाराज या अंबेडकर का उत्तराधिकारी भी बताते रहे। ये बातें डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने अपने वृंदावन निवास पर स्कूली बच्चों के बीच कोरोना काल के नियमों का पालन करते हुए जननायक कर्पूरी की 98वीं जयंती मनाने के क्रम में रविवार को कहीं।

जननायक कर्पूरी के सानिध्य में रहकर उनकी सादगी से प्रभावित डॉ.मधेपुरी ने कुछ स्कूली बच्चों के बीच ‘कर्पूरी की सादगी’ विषय पर निबंध प्रतियोगिता कराई तथा प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय आए छात्रों को पुरस्कृत भी किया।

अंत में शिक्षाविद्  डाॅ.मधेपूरी ने बच्चों से कहा कि जब कर्पूरी ठाकुर ने सत्ता संभाली तो उन्होंने अंग्रेजी पर ऐसा प्रहार किया कि कर्पूरी डिवीजन आज भी लोगों को याद है। बिहार में शराबबंदी भी उन्होंने ही की थी। आरक्षण के कर्पूरी फार्मूला में ही सर्वप्रथम महिलाओं के आरक्षण की चर्चा हुई थी। महात्मा गांधी की तरह जननायक कर्पूरी ने भी जीवन भर किसानों की लड़ाई लड़ी थी।

 

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