करीब 10 महीने से मधेपुरा में जननायक कर्पुरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज शुरू है। ओपीडी एवं इमरजेंसी में इलाज कराने के लिए दूसरे जिले के मरीज भी पहुंच रहे हैं। उनमें ज्यादातर मरीज गरीब तबके के होते हैं। परंतु, अस्पताल में मरीजों एवं सेवादारों के लिए पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। सूखे गले को गीले करने के लिए मरीजों और उनके साथ आए परिजनों को जेब ढीली करनी पड़ रही है। प्यास बुझाने के लिए दुकानों से पानी खरीदना उनकी मजबूरी बन गई है।
बकौल सुरक्षा गार्ड, यह जानिए कि कैंपस में एक चापाकल था लेकिन आजकल उसे भी उखाड़ दिया गया है। अस्पताल प्रबंधन कैंपस में पानी की समुचित व्यवस्था करने के प्रति उदासीन बना है। फिलहाल पूरे कैंपस में आम लोगों के लिए कहीं भी पानी की व्यवस्था नहीं है। पानी के लिए मरीज और उनके परिजन अस्पताल कैंपस में भटकते रहते हैं। गरीब मरीज को दिन भर में ₹100 पानी खरीदने में खर्च करना पड़ता है।
जानिए कि करोड़ों की लागत से लगाया गया जलापूर्ति प्लाट लगते-लगते बंद हो गए। सारा पाइप क्षतिग्रस्त हो गया। जिस कैंपस में प्रतिदिन हजारों लोगों की आवाजाही बनी रहती हो उसमें एक भी चापाकल नहीं…..! संवेदनशील समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि पीएचइडी विभाग को निर्देश देकर एक दर्जन चापाकल फिलहाल गड़वा दिए जाएं ताकि लोग पानी की परेशानी से निजात पा सके और लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ सके।