कोरोना महामारी के दरमियान राज्य के 9 हजार से अधिक माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्कूलों में आज से सैनिटाइज्ड क्लास रूम में 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं शुरू होंगी। कक्षाओं में आधे छात्र एक दिन तो आधे दूसरे दिन आएंगे ताकि सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन हो सके। कहा गया है कि 6 फीट की दूरी और मास्क पहनना जरूरी। कोरोना गाइडलाइन के अनुसार स्कूलों में असेंबली नहीं होगी, बल्कि बच्चे सीधे क्लास रूम में ही जाकर बैठेंगे।
बता दें कि जिले के हाॅली क्रास जैसे बड़े स्कूल, जिसे क्लास रूम की कमी नहीं है, वह एक साथ 11th एंड 12th क्लास के सभी छात्रों को प्रतिदिन नियमानुसार दूर-दूर बैठाकर आज से पढ़ाना शुरू कर दिया है। कुछ स्कूल और कॉलेज केवल अंतिम दो वर्गों के छात्र-छात्राओं को आज से पढ़ाना चालू किया है।
कोचिंग संस्थानों में भी कोरोना संक्रमण से बचने हेतु घोषित उपायों के साथ नियमानुसार पठन-पाठन आरंभ किया गया है। मिलाजुला कर आज से शैक्षणिक जगत में 10 महीने बाद रौनक लौट आई है। कैंपस से खामोशी का साम्राज्य समाप्त हो गया। आज से स्कूल-कॉलेज आदि में घंटियां बजने लगी है।
जानिए कि सूबे में कक्षा 9 से 12 के बीच कुल विद्यार्थियों की संख्या 36 लाख से अधिक है। चुंकि एक दिन में 50% विद्यार्थी के ही क्लास में आने के लिए अनुमति दी गई है। अतः आज 18 लाख से अधिक विद्यार्थियों के स्कूल पहुंचने की उम्मीद की जा रही है। शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार की ओर से स्कूलों को जितने निर्देश दिए गए हैं, अभिभावकों को उतनी ही सलाहें दी गई है। खेल पीरियड एवं लंच के लिए अलग-अलग समय निर्धारित किए गए हैं।
चलते-चलते यह भी बता दें कि सीएम नीतीश कुमार ने पूर्व में ही 9वीं क्लास की पढ़ाई करने का उद्घाटन 3300 पंचायतों के उत्क्रमित मिडिल स्कूलों में कर दी थी जहां हाई स्कूल नहीं था। कोरोना के कारण प्रदेश सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का क्रियान्वयन रुका हुआ था। यहाँ नामांकन हो चुका है, परंतु पढ़ाई एक भी दिन नहीं हुई है। इन स्कूलों में कक्षा आठ से प्रमोट किए गए नामांकित बच्चे पहली बार अपने शिक्षकों से रू-ब-रू होंगे। इतना ही नहीं, 10 महीने बाद आज से पटना के हाई कोर्ट में न्यायाधीश अपनी कुर्सी पर बैठेंगे और एडवोकेट से मुखातिब होकर बहस करेंगे।