पचासी वर्षों तक जीवन के बसंत और पतझड़ के बीच जीवन को सहजता के साथ जीते हुए भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह भारतीय किसानों के रक्षक, रहवर और रखवाला माने जाते रहे। पांच बार यूपी विधानसभा के लिए छपरौली सीट से विधायक बनकर पंडित गोविंद बल्लभ पंत, डॉ.संपूर्णानंद, श्री सीपी गुप्ता एवं श्रीमती सुचेता कृपलानी सरकार में विभिन्न विभागों के मंत्री पदों को बखूबी संभालते रहे वे। उत्तर प्रदेश में भूमि सुधार का पूरा श्रेय उन्हें ही जाता है। चौधरी साहब ने अपना संपूर्ण जीवन भारतीयता एवं ग्रामीण परिवेश की मर्यादा को अक्षुण्ण बनाए रखने में लगा दिया। ये बातें, उनकी 119वीं जयंती ऑनलाइन मनाते हुए समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने कही।
डॉ.मधेपुरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने संबोधन में स्कूली बच्चों से कहा कि देश में गिने-चुने ही राजनेता ऐसे हुए जिन्होंने लोगों के बीच सहजता एवं सरलता से कार्य करते हुए इतनी लोकप्रियता हासिल की। सामाजिक न्याय में दृढ़ विश्वास रखने वाली चौधरी चरण सिंह को भारतीय किसानों ने अपना रहवर मान लिया था, क्योंकि चौधरी साहब का मानना था कि देश की उन्नति का रास्ता किसानों के खेत व खलियान होकर गुजरता है। देश तभी मजबूत होगा जब किसान खुशहाल होंगे।
अंत में बच्चों से उन्होंने यही कहा कि प्रतिभा संपन्न हुआ व्यवहारवादी सीएम रहे श्री चरण सिंह के पहल पर ही उत्तर प्रदेश में मंत्रियों के वेतन एवं उन्हें मिलने वाले अन्य लाभों को काफी कम कर दिया गया था। डॉ.मधेपुरी ने उनके अवदानों की विस्तार से चर्चा करते हुए उनके द्वारा लिखी पुस्तकों- जमींदारी उन्मूलन, भारत की गरीबी और उसका समाधान, किसानों के लिए भूमि आदि पर भी प्रकाश डाला।
चलते-चलते यह भी कि लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह दल के प्रत्याशी के प्रचार में जब मधेपुरा आए थे तो उनके संग लोक दल के तत्कालीन वरिष्ठ नेता डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, जिलाध्यक्ष विजय कुमार वर्मा आदि हुआ करते थे। उनकी योग्यता और अनुभव की छाप हमें आज भी सत्य की राह पर चलने को प्रेरित करती है।