‘महागठबंधन’ ने आज पटना के गांधी मैदान में स्वाभिमान रैली की। इस रैली में जुटी भीड़ ने स्पष्ट कर दिया कि बिहार में मुकाबला कांटे का है। मुजफ्फरपुर, गया और सहरसा में प्रधाममंत्री नरेन्द्र मोदी ने लगातार तीन बड़ी रैलियां कीं और चौथी रैली 1 सितम्बर को भागलपुर में होने जा रही है। ऐसे में महागठबंधन के लिए इन रैलियों का जवाब देना और अपनी ताकत दिखाना ‘निहायत’ जरूरी हो गया था। तमाम अन्तर्विरोधों के बावजूद इस रैली में जदयू, राजद, कांग्रेस और सपा का एक मंच पर इकट्ठा होना महागठबंधन के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि रही। इससे पहले महागठबंधन की मौजूदगी बयानों और मीडिया में थी आज वो जमीन और मंच पर दिखी। महागठबंधन के सभी नेता अपने-अपने ‘अभिमान’ को किनारे रख स्वाभिमान रैली में जुटे और ‘महागठबंधन’ ने वास्तविक आकार लिया।
इसमें कोई दो राय नहीं कि इस रैली का सबसे बड़ा आकर्षण लालू और नीतीश का एक बार फिर एक साथ खड़ा होना था। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनके साथ मंच साझा कर इस अवसर को और खास बना दिया। मंच पर समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधित्व शिवपाल सिंह यादव ने किया। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (मीसा, तेजप्रताप और तेजस्वी के साथ), पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, सीपी जोशी तथा शकील अहमद, वरिष्ठ राजद नेता व पूर्व केन्द्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचन्द्र पूर्वे तथा विधायक दल के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी तथा विधायक दल के नेता सदानंद सिंह सहित महागठबंधन के तमाम नेताओं ने रैली में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।
सोनिया गांधी ने जहाँ ये कहा कि बिहार में “नीतीशजी के नेतृत्व में अच्छा काम हुआ है”, वहीं ये कहना भी नहीं भूलीं कि “लालूजी का भी इसमें सराहनीय योगदान रहा है।“ नीतीश ने डीएनए के मुद्दे पर मोदी को घेरने की हर सम्भव कोशिश की और कहा – “बिहार का इतिहास केवल देश का नहीं बल्कि पूरी मानव सभ्यता का इतिहास है और हमारा डीएनए खराब है..?” मोदी के दिए पैकेज को उन्होंने “पुराने पैकेज की रिपैकेजिंग” बताया और ‘जंगलराज’ का जवाब देते हुए कहा कि “भाजपा के दफ्तर से मुख्यंमंत्री की छाती तोड़ने की धमकी दी जाती है और लालू जी का नाम लेकर आप जंगलराज की बात करते हैं। बिहार में जंगलराज नहीं कानून का राज है।“ ‘जंगलराज’ पर लालू से पहले नीतीश का जवाब देना बदले हालात में बदलती राजनीति की बड़ी बानगी है। शरद यादव ने कहा कि “देश को बदलने का काम बिहार से शुरू होता है और इस बार भी ये काम बिहार से ही होगा।“
रैली के अन्तिम वक्ता लालू प्रसाद यादव थे। भाषण के लिए उनके आने पर और पूरे भाषण के दौरान लोगों में जो उमंग और उत्साह था उसने बता दिया कि बिहार में उनका जादू आज भी बरकरार है। उन्होंने अपने अंदाज में कहा – “दो पिछड़ों का बेटा साथ आया तो कहते हैं जंगलराज आ गया..! ये जंगलराज पार्ट – 2 नहीं, मंडलराज पार्ट – 2 है।“ यादव वोट बैंक को अपना बताने से भी वे नहीं चूके और अपनी रौ में कह डाला – “यादवों को जब भैंस नहीं पटक सकी तो नरेन्द्र मोदी क्या पटकेंगे..!“
इस रैली से बिहार का ‘स्वाभिमान’ जितना भी जुड़ा हो महागठबंधन का अस्तित्व और भविष्य बेशक जुड़ा था। लालू और नीतीश के साथ-साथ कांग्रेस को भी इसका एहसास था। ये तीनों अपने-अपने तरीके से अपनी-अपनी ‘साख’ बचाना चाहते थे। कहना पड़ेगा कि इस रैली के बाद इन सबने राहत की सांस ली होगी। अब बारी भाजपा की है। आज महागठबंधन के सारे नेताओं ने जी भर कर नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा है। देखना है कि भागलपुर में भाजपा हिसाब कितना चुकता कर पाती है।
- मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप