चारों तरफ कोरोना महामारी के कोहराम की वजह से इस बार ईद से लेकर रामनवमी और दुर्गा पूजा जैसे त्योहारों की रंगत फीकी पड़ गई है। और तो और कोरोना संक्रमण के साथ-साथ दुर्गा पूजा दशहरा के आयोजनों एवं मेले को विधानसभा चुनाव की गहमा-गहमी भी निकलने में लगी है।
बता दें कि बिहार सरकार ने दुर्गा पूजा को लेकर शुक्रवार को गाइडलाइन जारी कर दिया है- इस बार दशहरा का आयोजन नहीं होगा। कोरोना के कारण सूबे बिहार में कोई मेला नहीं लगेगा। इसके साथ-साथ लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दिया गया है। सामूहिक प्रसाद वितरण पर भी रोक रहेगी। पंडाल का निर्माण भी नहीं किया जा सकता है। गृह विभाग ने इस बाबत विस्तार से दिशा निर्देश जारी किया है।
दिशा निर्देश में विशेष निर्देश या भी दिया गया है कि रावण दहन का कार्यक्रम सार्वजनिक स्थानों पर आयोजित नहीं होगा। ऐसा इसलिए कि कोरोना काल में कहीं भी भीड़ जमा नहीं किया जा सकता। जारी किए गए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध आपदा-प्रबंधन अधिनियम की धारा 51-60 के प्रावधानों के अतिरिक्त भादवि की धारा 188 व अन्य सुसंगत धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
चलते-चलते यह भी जानिए कि दुर्गा पूजा के आयोजनों पर रोक लगने के कारण राजधानी पटना के टेंट कारोबारियों को मायूस होना पड़ा। क्योंकि, इस बार भी पूजा पंडाल व्यवसायी फरवरी-मार्च में ही टेंट सजावट सामग्रियों की खरीदारी में पूंजी फंसा चुके थे और कोरोना के चलते उन पंडाल व्यवसायियों को अब अच्छा खासा नुकसान उठाना पड़ेगा।