Dr.Bhupendra Narayan Yadav Madhepuri paying homage to Dr.S.Radhakrishnan on the occasion of Teachers Day at Madhepura.

समर्पित शिक्षकों के सम्मान में आज भी कमी नहीं है- डॉ.मधेपुरी

आज शिक्षक दिवस के अवसर पर मधेपुरा में फिजिक्स के ख्याति प्राप्त शिक्षक के रूप में अपनी पहचान कायम करने वाले प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने निज आवास ‘वृंदावन’ पर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शिक्षक व पूर्व राष्ट्रपति डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती मनाई और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए छात्रों एवं शिक्षकों से यही कहा- एक समर्पित शिक्षक का जीवन उस दीपक की तरह होता है जो स्वयं को जलाकर औरों के रास्ते में उजाला फैलाता है।

वैसे ही शिक्षकों में शुमार किए जाते हैं- डॉ.एस राधाकृष्णन, डाॅ.जाकिर हुसैन और डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम जो राष्ट्रपति बनने से पहले शिक्षक रहते हुए ही भारत रत्न सरीखे सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित हुए हैं। सारा देश आज के दिन वैसे समर्पित शिक्षकों के साथ-साथ प्रथम गुरु “मां” को भी सलाम करता है, याद करता है।

स्थानीय कई स्कूलों द्वारा आमंत्रित किए जाने के बावजूद कोरोना के कहर के चलते उन स्कूलों में नहीं जाकर डॉ.मधेपुरी ने डॉ.राधाकृष्णन के जन्मदिन (5 सितंबर) को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया और छात्रों से यही कहा कि आज के दिन भारत के महामहिम राष्ट्रपति देश के गिने-चुने समर्पित शिक्षकों को राष्ट्रीय सम्मान तथा राज्य के माननीय मुख्यमंत्री कुछ चयनित शिक्षकों को राजकीय सम्मान से सम्मानित करते हैं।

डॉ.मधेपुरी ने अपने संबोधन के अंत में यही कहा कि वर्तमान गिरावट के दौड़ में भी अच्छे-सच्चे व समर्पित शिक्षकों के सम्मान और मर्यादा में कमी नहीं आई है। आज भी विश्व के कई देशों में शिक्षक का सम्मान विधायक, सांसद, मंत्री या प्रधानमंत्री से भी ऊंचा है, क्योंकि शिक्षक राष्ट्र निर्माता ही नहीं बल्कि राष्ट्र का रक्षक, रहवर और रखवाला भी होता है। देश के सर्वाधिक सचेतन लोगों की चाहत है कि महामहिम राष्ट्रपति का पद वैसे समर्पित व ख्यातिप्राप्त शिक्षकों से भरा जाए जो अपना जीवन व्यक्तिगत नहीं रखा हो बल्कि छात्रहित के लिए सार्वजनिक कर दिया हो।

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