बिहार के मक्का किसान एक साथ कोरोना के कहर और बाढ़ की दोहरी मार झेल रहे हैं। एक ओर कोरोना के कारण मक्के के खरीदार आते नहीं हैं और दूसरी ओर किसानों के सामने मक्के को सहेज कर रखने की समस्याएं भी उत्पन्न हो गई हैं। बाढ़ में खेत की फसल के साथ-साथ घर के अन्न भी बह जाने से भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है।
बता दें कि बिहार में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए छह सदस्यीय केंद्रीय टीम बुधवार को देर शाम पटना पहुंची। वह टीम गुरुवार को सवेरे से गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, दरभंगा आदि अन्य बाढ़ ग्रस्त जिलों का दौरा करेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव पीयूष गोयल टीम को लीड करेंगे।
यह भी बता दें कि सर्वेक्षणोपरांत सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा 16 बाढ़ ग्रस्त जिलों में हुए नुकसान की विस्तृत जानकारियां केंद्रीय टीम को दी गई। नीतीश सरकार के आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि विभाग द्वारा पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन कर बिहार में बाढ़ से हुए नुकसान की जानकारियां दी गई।
चलते-चलते यह भी बता दें कि प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि टीम के साथ नोडल पदाधिकारियों को लगाया गया है और साथ ही सभी जिले के संबंधित जिलाधिकारियों को इस बाबत पूर्व में ही सूचना दे दी गई है। केंद्रीय टीम जहां-जहां भ्रमण करना चाहेगी वह जा सकती है। 4 सितंबर को दिल्ली लौटने से पहले बिहार सरकार के अधिकारियों से आवश्यक जानकारियां भी ली यह कि बाढ़ से साढ़े आठ लाख लोग प्रभावित हुए हैं जिसमें अब तक 27 लोगों की एवं 88 पशुओं की मौत हो चुकी है।