वैश्विक महामारी कोरोना ने भारतीय स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय उत्सव को भी फीका कर दिया। पहली बार ऐसा दिन देखने को मिला जब भिन्न-भिन्न मनमोहक तिरंगे परिधानों में सज-धज कर विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों के बच्चे-बच्चियों द्वारा “पूज्य बापू अमर रहे” के साथ-साथ अन्य सेनानियों व शहीदों के जयकारे सुनने के लिए कान तरसते रह गए। बच्चों के बिना सड़क सुनी और वातावरण उदास रहा।
ये बातें राष्ट्रीय तिरंगे के ध्वजारोहण करने के बाद समाजवादी चिंतक भूपेन्द्र नारायण मंडल के नाम वाले भूपेन्द्र चौक पर उनके परम शिष्य प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने कही। डॉ.मधेपुरी ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण संवेदनशील जिलाधिकारी नवदीप शुक्ला द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार सभी संस्थानों में राष्ट्रीय ध्वजारोहण को सादे समारोह के रूप में मनाए जाने का निर्देश दिया गया है। बच्चों की भागीदारी पर तो रोक लगा ही दी गई, विभिन्न स्थलों पर बुजुर्ग व विशिष्ठ लोगों को भी नहीं बुलाया जा रहा है।
यह भी जानिए कि भूपेन्द्र चौक पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए डॉ.आलोक कुमार, डॉ.विनय कुमार चौधरी, सतीश चंद्रा, आनंद कुमार, मनोज कुमार, ललन कुमार, संजय मुखिया, महेंद्र साह ने ही बच्चों के एवज में “जन गण मन…..” गया तथा सेनानियों व शहीदों के साथ-साथ भूपेन्द्र नारायण मंडल के भी जयकारे लगाए। डाॅ.मधेपुरी ने अपनी “आजादी” शीर्षक कविता की चंद पंक्तियां सुनाते हुए अंत में यही कही-
आओ सब मिलकर बंधु करें, आजादी का शत् अभिनंदन।
इसके ललाट पर करें नित्य, अपने अनंत श्रम का चंदन ।।