मधेपुरा विद्युत रेल इंजन फैक्ट्री का फ्रांस की एल्सटाॅम कंपनी व भारतीय रेल के संयुक्त सहयोग तथा तत्कालीन डायनामिक डीएम मोहम्मद सोहेल की तत्परता के चलते ही निर्धारित समय से पहले निर्माण कार्य पूरा हो गया। वर्ष 2016 (मई) में भूमि पूजन और वर्ष 2018 (अप्रैल) में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मधेपुरा रेल फैक्ट्री को राष्ट्र के समर्पित किया।
बता दें कि मधेपुरा में बनने वाला दुनिया का सबसे शक्तिशाली विद्युत रेल इंजन WAG – 12 यानि Wide-gauge Ac-traction Goods, 12000 हॉर्स पावर का 3-फेज विद्युत रेल इंजन है। इस इंजन का वजन 180 टन है जो 600 टन लोड लेकर 120 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम स्पीड से चल सकता है, जो एक ट्वीन इंजन है। जबकि अभी तक भारतीय मालवाहक ट्रेन के इंजन का औसत स्पीड 25 किलोमीटर प्रति घंटा तक ही सीमित है।
यह भी बता दें कि संसार में इस इंजन के टक्कर का कोई दूसरा इंजन अबतक नहीं बना है। मधेपुरा में निर्मित यह इंजन 6000 टन सामान ढोने की क्षमता रखता है। यही जानिए कि 600 ट्रक जितना सामान ढोएगा उतना यह इंजन अकेले ढो देगा।
चलते-चलते यह भी बता दें कि भारत में सर्वाधिक आमदनी का जरिया मालवाहक ट्रेन ही है। भारत सरकार ने माल ढोने के लिए दो डीएफसी (डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर) बनाया है जिस पर केवल माल गाड़ियां ही चलेंगी। इसमें एक है Eastern track जो लुधियाना से दानकुनी तक है और दूसरा Western track जो मुंबई से दादरी तक है। यह इंजन 2 किलोमीटर लंबी मालगाड़ी तक को भी खींच लेगा। मधेपुरा में बनने वाले इस इंजन में टॉयलेट भी है जबकि अब तक के किसी इंजन में टॉयलेट नहीं हुआ करता। मधेपुरा के समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी शुरू से इस प्रयास में लगे रहे हैं कि यहां से बनकर निकलने वाले इंजन पर “मधेपुरा” अंकित हो जिसके लिए रेल कारखाना के मुख्य प्रशासनिक पदाधिकारी आरके गुप्ता द्वारा “मधेपुरा” लिखे जाने के बाबत अखबार के माध्यम से जानकारी भी प्रेषित की जा चुकी है।